Operation Sindoor: कहावत है "लातों के भूत बातों से नहीं मानते," और पाकिस्तान बार-बार इस बात को सही साबित कर रहा है. 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान की सेना ने फिर वही किया, जिसकी आशंका थी.सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों की शुरुआत.
गुजरात, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान की सीमाओं पर एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन हुआ. साथ ही श्रीनगर में सेना मुख्यालय के पास ड्रोन मूवमेंट देखे गए, जिसने भारत की चिंता बढ़ा दी है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सेना, खासकर आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर, शहबाज शरीफ सरकार के फैसलों से सहमत नहीं हैं और आतंकियों के एजेंडे के अधिक करीब हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान की सरकार बार-बार अपने ही सैनिकों से संयम बरतने की गुहार लगा रही है.
'संयम की सीमा पार हुई तो जवाब मिलेगा'
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है और अगर हालात नहीं सुधरे तो भारत को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ेगी. इसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने बयान जारी कर सफाई दी कि वह सीजफायर को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत पर भी कुछ जगहों पर उल्लंघन का आरोप लगाया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है.
चीन की मध्यस्थता की कोशिश
उधर, चीन ने भी इस तनाव को कम करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के रास्ते इस टकराव को हल करेंगे और एक स्थायी युद्धविराम की ओर बढ़ेंगे.
इस बातचीत में डोभाल ने साफ किया कि भारत ने युद्ध का रास्ता नहीं चुना, लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद कार्रवाई करना अनिवार्य हो गया था. वांग यी ने भी इस हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही.
क्या फिर युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं हालात?
भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव कम होता दिख रहा था, वो अब फिर से भड़कने लगा है. पाकिस्तान की सेना और आतंकियों के गठजोड़ के बीच उसकी सरकार भी लाचार नज़र आ रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या भारत एक और जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है?
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