भारतीय सेना से थर-थर कांप रहा पाकिस्तान, PoK में आतंकियों से खाली कराए लॉन्च पैड

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का रुख बेहद स्पष्ट और सख्त हो गया है. अब आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत किसी भी हद तक जाने को तैयार है. इस निर्णायक ललकार का असर अब पाकिस्तान में साफ़ देखा जा सकता है. सीमा पार बैठे साजिशकर्ताओं में घबराहट फैल चुकी है. खासकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी कैंपों में हलचल तेज़ हो गई है.

    Pahalgam terror attack Pakistani army cleared launch pads from terrorists in PoK
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का रुख बेहद स्पष्ट और सख्त हो गया है. अब आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत किसी भी हद तक जाने को तैयार है. इस निर्णायक ललकार का असर अब पाकिस्तान में साफ़ देखा जा सकता है. सीमा पार बैठे साजिशकर्ताओं में घबराहट फैल चुकी है. खासकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी कैंपों में हलचल तेज़ हो गई है.

    इन लॉन्च पैड को कराया खाली

    सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने पीओके में मौजूद सात से ज्यादा आतंकी लॉन्च पैड को खाली करवाना शुरू कर दिया है. लीपा, ज़ुरा, दूधिनियाल, केल, शारदी, सरदारी और कोटली से आतंकियों को हटाया गया है. वहीं अब उन्हें पाकिस्तानी सेना की पनाह में भेजा गया है. पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों से कहा है कि वे या तो आर्मी शेल्टर या फिर बंकरों में चले जाएं. बताया जा रहा है कि इन स्थानों पर लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी तैनात थे, जो पाकिस्तान के भीतर ट्रेनिंग लेकर भारत में घुसपैठ की फिराक में रहते थे.

    चीन-तुर्की की गोद में जा बैठा पाक

    भारत की कार्रवाई से घबराकर पाकिस्तान ने इन ठिकानों को अस्थायी रूप से खाली करने का फैसला किया है. इस बीच पाकिस्तान अपने पुराने दोस्तों चीन और तुर्की की तरफ एक बार फिर उम्मीद से देख रहा है. चीन उसकी कूटनीतिक ढाल बनने की कोशिश में जुटा है. वहीं तुर्की से सैन्य सहायता की कोशिशें जारी हैं. 

    अंदरूनी तनाव से जुझ रहा पाकिस्तान

    पाकिस्तान की अंदरूनी स्थिति भी तनावपूर्ण होती जा रही है. हाल ही में बलूचिस्तान में हुई ट्रेन हाईजैकिंग और फोर्सेज़ पर हमले से सेना की हालत डगमगाई हुई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन घटनाओं के बाद बड़ी संख्या में सैनिकों ने पाकिस्तान आर्मी से इस्तीफा दे दिया है, जिससे ISI और आर्मी दोनों की टेंशन बढ़ती जा रही है.

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