जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 26 निर्दोष सैलानियों की जान चली गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए. अब इस खूनी साजिश की परतें खोलने के लिए देश की सबसे बड़ी एंटी-टेरर एजेंसी, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने मोर्चा संभाल लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर NIA ने औपचारिक रूप से जांच शुरू कर दी है और शुरुआती जांच में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं.
हमले के तुरंत बाद से ही NIA की टीमें घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं. सबूत जुटाने के काम में तेजी लाई गई है. इस बीच जांच एजेंसी को एक बेहद महत्वपूर्ण गवाह भी मिला है. जोकि एक स्थानीय फोटोग्राफर, उसने हमले के पूरे घटनाक्रम को अपनी कैमरा रिकॉर्डिंग में कैद किया है.
रिकॉर्डिंग में क्या मिला?
फोटोग्राफर द्वारा बनाए गए वीडियो फुटेज के मुताबिक, दो आतंकवादी सबसे पहले दुकानों के पीछे छिपे थे. फिर अचानक बाहर निकलकर उन्होंने सैलानियों को कलमा पढ़ने को मजबूर किया और देखते ही देखते 4 लोगों को गोली मार दी. इससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई और भगदड़ मच गई.
15 ओवरग्राउंड वर्कर्स की हुई पहचान
आपको बता दें कि NIA की टीमें वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में घटनास्थल से लेकर आसपास के क्षेत्रों तक चप्पा-चप्पा खंगाल रही हैं. जांच एजेंसियों ने हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का साथ देने वाले 15 स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और आतंक समर्थकों की पहचान कर ली है. सूत्रों के मुताबिक, इन स्थानीय सहयोगियों ने आतंकियों को न सिर्फ लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया, बल्कि संभवतः पाकिस्तान से आई हथियारों की खेप को भी सुरक्षित पहुंचाने में मदद की.
आतंकियों की मदद करने वाले 3 संदिग्ध गिरफ्तार
जांच एजेंसियों ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और कॉल डाटा रिकॉर्ड्स के जरिए हमले से जुड़े अहम सुराग जुटाए हैं. हमले के दिन जिन पांच प्रमुख संदिग्धों पर नजर थी, उनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है. पकड़े गए तीनों आरोपियों के बीच की बातचीत रिकॉर्ड हुई है, जिसमें वे पहलगाम में मौजूद पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद की चर्चा कर रहे थे. बाकी दो संदिग्धों की तलाश के लिए ऑपरेशन जारी है. सुरक्षा एजेंसियों ने पुष्टि की है कि हमले के दिन ये पांचों संदिग्ध पहलगाम के घटनास्थल के आस-पास ही मौजूद थे और उनके मोबाइल भी उसी क्षेत्र में सक्रिय थे.
अब तक 1,500 ओवरग्राउंड वर्कर्स से हुई पूछताछ
जांच अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 1,500 ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ की गई है. इनमें से 15 प्रमुख संदिग्धों को चिन्हित किया गया है, जिन पर फोकस कर कार्रवाई की जा रही है. दक्षिण कश्मीर में सक्रिय अन्य नेटवर्क्स की भी गहनता से जांच हो रही है, ताकि घाटी में छिपे पाकिस्तानी आतंकियों और उनके ठिकानों का पूरा नेटवर्क सामने लाया जा सके.
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