पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में दिख रही है. केंद्र द्वारा लिए गए कड़े फैसलों से पाकिस्तान के पसीने छूट रहे हैं. पीएम मोदी ने भी साफ संदेश दिया है कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि हमले के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया है. जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन जारी हैं, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हमले की हर परत को खंगालने में जुट गई है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले CDS अनिल चौहान
रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर एक अहम बैठक हुई, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने हिस्सा लिया. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में आतंकियों के सफाए और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई.
BSF चीफ भी गृह मंत्रालय पहुंचे
वहीं, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने भी गृह मंत्रालय पहुंचकर आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई और सीमाओं की सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बातचीत की.
भारत का पाकिस्तान पर तगड़ा एक्शन
पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) के हाथ होने और पाकिस्तान से इसके तार जुड़े होने की पुष्टि के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं. भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है. अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोकी गई हैं और देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है. वहीं भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने दूतावास को भी बंद करने का फैसला कर लिया है. भारत का यह रुख साफ संकेत देता है कि अब न सिर्फ आतंकी संगठनों, बल्कि उन्हें शह देने वाले देशों के खिलाफ भी सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे.
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