जब पूरी दुनिया में पाकिस्तान को पहलगाम हमले के बाद अलग-थलग किया जा रहा है, तब उसके कुछ पुराने साथी अब भी उसके समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं. चीन के बाद अब अज़रबैजान एक ऐसा देश बन गया है जिसने पाकिस्तान के पक्ष में खुला बयान दिया है. अज़रबैजान ने न केवल भारत की आलोचना की है, बल्कि पहलगाम हमले की "ओपन और ट्रांसपेरेंट अंतरराष्ट्रीय जांच" की भी मांग उठाई है.
पाक के सपोर्ट में क्या बोला अजरबैजान?
अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि भारत बिना पुख्ता सबूतों के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए उसे "एकतरफा कार्रवाइयों से बचना चाहिए". इतना ही नहीं, अज़रबैजान ने पुराने UNSC रेजोल्यूशन 47 का हवाला देकर कश्मीर मुद्दे पर 'संवाद और समाधान' की बात दोहराई, जिसे भारत पहले ही "अप्रासंगिक" बता चुका है.
भारत से क्यों चिढ़ता है अज़रबैजान?
भारत का अज़रबैजान से तनाव कोई नया नहीं है. इसकी जड़ें आर्मेनिया के साथ भारत के मजबूत रक्षा सहयोग में छिपी हैं. दरअसल अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच दुश्मनी की लकीर खींची हुई है. भारत ने 2020 में आर्मेनिया को स्वदेशी वेपन लोकेटिंग रडार दिया था, और उसके बाद 2023 में पिनाका रॉकेट सिस्टम, एंटी-टैंक मिसाइलें और अन्य हथियार सप्लाई किए. भारत का यह सहयोग अज़रबैजान को खटकता रहा है. हाल ही में अज़रबैजान ने भारत से हथियार खरीदने की इच्छा जताई थी, लेकिन भारत ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया.
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