घटिया! हमले में पाकिस्तान ने इस्तेमाल किए चीनी हथियार, पुतिन ने कसा तंज कहा- हमारे हथियार अव्वल

    हाल के घटनाक्रमों के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक बयान अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं का केंद्र बन गया है. पुतिन ने शुक्रवार को कहा, "रूस आज भी विश्व के प्रमुख हथियार निर्यातकों में शामिल है, क्योंकि हमारे हथियारों ने वास्तविक युद्धों में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है.

    Our Weapons on top putin remark over pakistan defeat
    Image Source: ANI

    हाल के घटनाक्रमों के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक बयान अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं का केंद्र बन गया है. पुतिन ने शुक्रवार को कहा, "रूस आज भी विश्व के प्रमुख हथियार निर्यातकों में शामिल है, क्योंकि हमारे हथियारों ने वास्तविक युद्धों में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है." यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर करारा प्रहार किया है.

    इस संदर्भ में विशेषज्ञ मान रहे हैं कि पुतिन का यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से भारत की सैन्य सफलता और पाकिस्तान की विफलता की ओर भी इशारा करता है — विशेषकर जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन में रूस निर्मित एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और भारत-रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस मिसाइल का प्रभावी उपयोग किया.

    ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के गढ़ों पर निर्णायक वार
    22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी. इस दर्दनाक घटना के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की, जिसमें पाकिस्तान और POK में स्थित 9 प्रमुख आतंकी अड्डों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया. इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा जैसे संगठनों के शिविर भी शामिल थे.

    भारतीय ताकत के सामने बेबस पाकिस्तान
    पाकिस्तानी सेना ने जवाबी हमले के तहत भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत के पास मौजूद एस-400 और आकाशतीर जैसे अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम्स ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया. इसके बाद भारत ने और भी तीखा पलटवार करते हुए पाकिस्तान के 9 से 11 वायुसेना ठिकानों को तबाह कर दिया.

    यह सैन्य कार्रवाई इतनी निर्णायक और सटीक थी कि घबराई पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम की गुहार लगाई. पाकिस्तानी DGMO ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर संघर्षविराम की पहल की, जिस पर अस्थायी युद्धविराम की सहमति बनी.

    भारत की रणनीति को अंतरराष्ट्रीय समर्थन
    भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के प्रमाण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष प्रस्तुत किए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत की नीति केवल आत्मरक्षा की नहीं, बल्कि आतंकवाद के जड़ से सफाए की है. रूस द्वारा भारत के सैन्य साजो-सामान की विश्वसनीयता पर दिया गया यह बयान, न केवल भारत की सैन्य रणनीति पर विश्वास का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभा रहा है.

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