Operation Sindoor: हाल ही में भारतीय सेना ने आतंक के गढ़ में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए एक साहसिक कार्रवाई को अंजाम दिया. पाकिस्तान के समर्थन वाले आतंकियों को ऐसी सख्त चेतावनी दी गई है, जिसे आने वाली पीढ़ियां भी नहीं भूलेंगी. देश की सुरक्षा अब सिर्फ सीमाओं पर नहीं, बल्कि हर नागरिक के सजग रहने पर भी निर्भर करती है. ऐसे में आपका स्मार्टफोन एक शक्तिशाली उपकरण बन सकता है – अगर उसमें इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम सक्रिय हो.
भारत सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने समय-समय पर यह सिद्ध किया है कि मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों में तत्काल चेतावनी दी जा सकती है – चाहे वह युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा, भूकंप या बाढ़. अब सवाल ये है: क्या आपने अपने फोन में SOS अलर्ट ऑन किया है? अगर नहीं, तो अब समय है. जानिए इसे एक्टिवेट करने का आसान तरीका – चाहे आप एंड्रॉयड यूजर हों या आईफोन उपयोगकर्ता.
एंड्रॉयड फोन में इमरजेंसी अलर्ट कैसे ऑन करें?
कैसे काम करता है इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम?
जब सरकार या NDMA जैसे संस्थान किसी संकट की स्थिति में अलर्ट जारी करते हैं, तो वह अलर्ट आपके फोन की पूरी स्क्रीन पर फ्लैश होता है. इसके साथ एक तेज़ सायरन जैसी बीप भी सुनाई देती है – यहां तक कि फोन साइलेंट मोड पर हो तब भी! इससे लोग तत्काल सचेत हो सकते हैं और दूसरों को भी सूचित कर सकते हैं.
भारत में हो चुकी है लाइव टेस्टिंग
2023 में भारत सरकार ने देश के कई मोबाइल यूज़र्स को एक फ्लैश अलर्ट भेजकर इस सिस्टम की टेस्टिंग की थी. NDMA द्वारा भेजे गए इस अलर्ट में न केवल टेक्स्ट था, बल्कि एक विशेष साउंड भी था जो हर किसी का ध्यान खींचने में सक्षम था. यह प्रणाली युद्ध जैसी स्थितियों के साथ-साथ भूकंप, बाढ़, सुनामी और तूफान जैसी आपदाओं में भी ज़िंदगियां बचा सकती है.
आपका फ़ोन, आपकी सुरक्षा की पहली दीवार
अब समय है कि हर जिम्मेदार नागरिक अपने स्मार्टफोन को इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम से लैस करे. एक छोटा-सा सेटिंग अपडेट, किसी बड़ी आपदा में आपकी और आपके अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है. अलर्ट रहिए – सुरक्षित रहिए – और दूसरों को भी जागरूक बनाइए.
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