भारत पर दागीं 840 मिसाइलें, लेकिन शीशा भी नहीं टूटा... ऑपरेशन सिंदूर में खुली पाकिस्तानी हथियारों की पोल

    भारत द्वारा हाल ही में किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर की गई सटीक कार्रवाई ने सीमा पार आतंकी नेटवर्क को गहरा झटका दिया है.

    Operation Sindoor exposed the secret of Pakistani weapons
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत द्वारा हाल ही में किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर की गई सटीक कार्रवाई ने सीमा पार आतंकी नेटवर्क को गहरा झटका दिया है. इस अभियान को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब के रूप में अंजाम दिया.

    भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान और PoK में मौजूद कई आतंकवादी ठिकानों पर प्रभावी हमले किए. रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया, जिनमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहीम यार खान और सरगोधा जैसे एयरबेस भी शामिल थे.

    पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और परिणाम

    इस सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तान की ओर से भारत पर ड्रोन और मिसाइलों के ज़रिए जवाबी कार्रवाई की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने करीब 840 मिसाइलें भारत की ओर दागीं. हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश मिसाइलों को प्रभावी ढंग से नष्ट कर दिया, और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. कुछ मिसाइलें खुले इलाकों में गिरीं, और कुछ तकनीकी खामियों के चलते अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकीं.

    एयर डिफेंस सिस्टम्स पर सवाल

    विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरान पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से चीन से आयातित HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, भारतीय हमलों को रोकने में प्रभावी सिद्ध नहीं हो पाई. इसके उलट, भारत द्वारा लॉन्च की गई स्कैल्प, रैम्पेज और क्रिस्टल मेज जैसी मिसाइलों ने अपने लक्ष्यों पर सटीक हमला किया. उपलब्ध सैटेलाइट इमेजरी में आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हुई क्षति को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.

    रणनीतिक संकेत और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भारत की सैन्य और तकनीकी क्षमताओं पर विश्वास जताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया स्वतंत्र रूप से जांच कर सकता है कि पाकिस्तानी जवाबी हमलों में भारत को कोई बड़ा नुकसान हुआ है या नहीं.

    यह घटनाक्रम भारत-पाक संबंधों के मौजूदा तनाव को दर्शाता है और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभावों की समीक्षा आवश्यक है. आने वाले समय में दोनों देशों की कूटनीतिक, सामरिक और तकनीकी रणनीतियों पर इसकी छाप देखने को मिल सकती है.

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