Kulgam Encounter: दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के घने जंगलों में आतंक के खिलाफ छेड़ी गई जंग ने नौवें दिन भी रफ्तार थामने का नाम नहीं लिया है. 1 अगस्त से शुरू हुआ ‘ऑपरेशन अखल’ अब तक एक लंबे और चुनौतीपूर्ण एनकाउंटर में तब्दील हो चुका है. इस दौरान जहां अब तक 3 आतंकियों को मार गिराया गया है, वहीं भारतीय सेना के दो वीर जवान—लेफ्टिनेंट कर्नल प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह, देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए हैं.
पिछले एक दशक में यह एनकाउंटर सबसे लंबे चलने वाले आतंकवाद विरोधी अभियानों में गिना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद अखल के जंगलों में तलाशी अभियान चलाया गया. शुरुआती टकराव के बाद मुठभेड़ लगातार जारी है. अब तक 11 सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं. आतंकियों के पास ऊँचाई वाले क्षेत्र में छिपने का फायदा है, जिससे सुरक्षा बलों को ऑपरेशन में कठिनाई हो रही है.
सेना और पुलिस की संयुक्त रणनीति
सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और पैरा कमांडो की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है. ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की मदद से आतंकियों की निगरानी की जा रही है. अधिकारी लगातार इलाके की घेराबंदी मजबूत कर रहे हैं ताकि कोई भी आतंकी बचकर निकल न सके. सेना के शीर्ष अधिकारी, उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात अभियान पर खुद नजर बनाए हुए हैं.
चिनार कोर ने दी श्रद्धांजलि
भारतीय सेना की चिनार कोर ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "देश की रक्षा में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वोच्च बलिदान को हम नमन करते हैं. उनका साहस और समर्पण आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा."
अभी भी जारी है आतंक के खिलाफ संघर्ष
ऑपरेशन अखल खत्म नहीं हुआ है. सुरक्षाबलों का लक्ष्य है कि किसी भी कीमत पर इलाके को आतंकियों से मुक्त कराना है. यह मुठभेड़ न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ हमारी रणनीति की सटीकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सुरक्षा बल हर कीमत पर देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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