ओडिशा के कटक जिले में एक निर्माणाधीन पुल शनिवार को अचानक एक जानलेवा हादसे का केंद्र बन गया. काठजोड़ी नदी पर बन रहे इस पुल के काम के दौरान एक भारी कंक्रीट स्लैब के गिरने से मौके पर मौजूद एक इंजीनियर और दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे ने पुल निर्माण में हो रही लापरवाहियों और सुरक्षा उपायों की पोल खोल दी है.
क्रेन की खराबी बनी मौत की वजह
कटक के पुलिस उपायुक्त खिलारी ऋषिकेश ध्यानदेव के अनुसार, हादसा उस वक्त हुआ जब एक बड़ा कंक्रीट स्लैब क्रेन की मदद से उठाया जा रहा था. अचानक क्रेन ने काम करना बंद कर दिया और भारी स्लैब नीचे गिर पड़ा, जिससे नीचे काम कर रहे श्रमिकों और इंजीनियर की जान चली गई. स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया.
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, दिए जांच के आदेश
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने राज्य के मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को अस्पताल में घायलों से मिलने का निर्देश भी दिया है. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवज़े की घोषणा
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी दी गई कि मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. इसके अलावा घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने की घोषणा भी की गई है.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू
इस दुर्घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है. विपक्ष के नेता और बीजू जनता दल (बीजेडी) प्रमुख नवीन पटनायक ने घटना पर दुख जताते हुए घायलों की जल्द रिकवरी की कामना की है. वहीं कटक के महापौर और बीजेडी नेता सुभाष सिंह ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया. उनका कहना है कि अगर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए होते तो यह जानलेवा हादसा टाला जा सकता था.
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