'उदयपुर फाइल्स' की सुनवाई में आया नया मोड़, सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी ने बढ़ाई फिल्ममेकर की मुश्किलें

    Supreme Court On Udaipur Files: विवादों में घिरी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की रिलीज को लेकर कानूनी पेंच और गहराता नजर आ रहा है.

    new twist in the hearing of Udaipur Files Supreme Court
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    Supreme Court On Udaipur Files: विवादों में घिरी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की रिलीज को लेकर कानूनी पेंच और गहराता नजर आ रहा है. गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई, जहां अदालत ने स्पष्ट किया कि वह शुक्रवार को 10 से 15 मिनट सुनवाई के बाद इस केस को दिल्ली हाईकोर्ट को वापस भेज सकती है. कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका भी हाईकोर्ट को ट्रांसफर की जा सकती है.

    फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाले मोहम्मद जावेद ने कहा है कि जब तक फिल्म से संबंधित कानूनी कार्यवाही पूरी नहीं होती, तब तक इसकी रिलीज पर स्थगन आदेश जारी किया जाए. जावेद का कहना है कि फिल्म में उन्हें और अन्य आरोपियों को पूर्वग्रह से प्रेरित तरीके से दर्शाया गया है, जो मुकदमे को प्रभावित कर सकता है.

    केंद्र की समिति ने दी थी मंजूरी

    केंद्र सरकार ने फिल्म की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति गठित की थी, जिसने फिल्म को छह कट्स के साथ रिलीज की मंजूरी दी. इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि समिति की सिफारिशों के अलावा कोई और कार्रवाई अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) का उल्लंघन होगी.

    आर्थिक लाभ बनाम संवेदनशीलता

    सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 16 जुलाई को फिल्म निर्माताओं से कहा था कि फिल्म की रिलीज से पहले समिति के फैसले का इंतजार करें. कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि “इस फिल्म से कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों की छवि को नुकसान हो सकता है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है, भले ही निर्माता इससे आर्थिक लाभ कमा लें.”

    हाईकोर्ट ने पहले ही लगाई थी रोक

    दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को अरशद मदनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म की 11 जुलाई को प्रस्तावित रिलीज पर रोक लगा दी थी, जब तक कि केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिकाओं पर कोई स्थायी फैसला न आ जाए.

    फिल्म की पृष्ठभूमि

    यह फिल्म जून 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या पर आधारित है. इस हत्या का आरोप मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस पर है, जिन्होंने हत्या के बाद एक वीडियो जारी कर घटना को धार्मिक जवाब बताया था. उन्होंने कहा था कि कन्हैया लाल ने नूपुर शर्मा के बयान के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट की थी. इस हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की थी और आरोपियों पर UAPA सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज है. केस फिलहाल जयपुर की विशेष NIA कोर्ट में लंबित है.

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