अच्छी नींद से बेहतर कोई दवा नहीं, लेकिन अगर हर सुबह उठते ही गर्दन में अकड़न, जकड़न या दर्द से सामना हो रहा है तो आपकी रात की नींद, दर्द की जड़ बन सकती है. अक्सर लोग समझते हैं कि थोड़ी सी बाम लगा लेने या तकिया बदल देने से परेशानी खत्म हो जाएगी, लेकिन असली समस्या आपकी सोने की गलत आदतों में छुपी होती है.
अगर आप भी रात को सोते समय कुछ ऐसी गलतियां कर रहे हैं, तो बिना दवा के भी आपकी समस्या दूर हो सकती है. जानिए कौन-सी आदतें गर्दन के दर्द को न्योता देती हैं और कैसे इन्हें बदलकर दर्द से राहत पाई जा सकती है.
सोते समय की ये गलतियां गर्दन के दर्द की बड़ी वजह बनती हैं
1. पेट के बल सोना
अगर आप पेट के बल सोने के आदी हैं तो सावधान हो जाइए. इस मुद्रा में गर्दन घंटों एक ही दिशा में मुड़ती रहती है, जिससे मांसपेशियों पर दबाव आता है और सुबह उठते ही दर्द महसूस होता है. पेट के बल सोना गर्दन और रीढ़ के लिए सबसे नुकसानदायक माना जाता है.
2. तकिये की गलत ऊंचाई
तकिया बहुत ऊंचा या बहुत नीचा होने पर गर्दन का नेचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है. बहुत ऊंचा तकिया गर्दन को असमान्य झुकाव में ले जाता है, वहीं बहुत नीचा तकिया भी सपोर्ट नहीं देता. तकिया ऐसा होना चाहिए जो सिर, गर्दन और रीढ़ की सीध में संतुलन बनाए रखे.
3. साइड में सोते समय हाथ सिर के नीचे रखना
कुछ लोग साइड में सोते वक्त अपने हाथ को सिर के नीचे रख लेते हैं. ये आदत गर्दन की मांसपेशियों को खिंचाव में डालती है, जिससे अगली सुबह अकड़न या तेज दर्द हो सकता है.
4. नींद में बार-बार करवट बदलना
अगर आप रात में बहुत अधिक करवट बदलते हैं तो ये भी गर्दन के दर्द का कारण हो सकता है. बार-बार करवट बदलने से गर्दन और रीढ़ की स्थिरता प्रभावित होती है, जिससे मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है.
5. गलत गद्दे का इस्तेमाल
बहुत सख्त या बहुत मुलायम गद्दा शरीर को सही सपोर्ट नहीं देता. इससे सोते समय स्पाइन और गर्दन की प्राकृतिक स्थिति बिगड़ सकती है, जो दर्द का कारण बनती है.
गर्दन के दर्द से बचने के आसान उपाय
पीठ के बल सोने की आदत डालें, जिससे शरीर को बेहतर सपोर्ट मिलता है. ऑर्थोपेडिक तकिए का इस्तेमाल करें, जो गर्दन के शेप के अनुसार फिट होता है. सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करें, ताकि मांसपेशियां रिलैक्स हो जाएं. गद्दा ऐसा चुनें जो न बहुत सख्त हो और न बहुत मुलायम, शरीर को समान रूप से सपोर्ट दे.
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य संदर्भ के लिए है. किसी भी उपचार या जीवनशैली में बदलाव करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
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