पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में शुक्रवार को वक्फ कानून के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन हुए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी और सड़क व रेल यातायात को रोक दिया. हालात को संभालने की कोशिश में करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हालांकि पुलिस का कहना है कि अब स्थिति नियंत्रण में है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर निशाना साधा है.
पुलिस का बयान
बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया (X) पर बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के सुती और शमशेरगंज इलाकों में हालात अब शांत हैं. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया है और नेशनल हाईवे पर यातायात फिर से सामान्य हो गया है.
पुलिस का कहना है कि हिंसा फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. अफवाह फैलाने वालों पर भी केस दर्ज किया जाएगा. जनता से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और किसी अफवाह पर ध्यान न दें.
हिंसा कैसे शुरू हुई?
सुती इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद बड़ी संख्या में लोग वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आए. उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया. इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और पुलिस वैन और बसों को आग के हवाले कर दिया. जब हालात बिगड़े, तो पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
पुलिस को मस्जिद में लेनी पड़ी शरण
एक अधिकारी ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को पास की मस्जिद में छिपना पड़ा, क्योंकि भीड़ बेकाबू हो गई थी. हालात को संभालने के लिए जिला प्रशासन ने BSF (सीमा सुरक्षा बल) से मदद मांगी है.
रेल सेवा भी हुई प्रभावित
मालदा और मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर धरना दिया, जिससे कई ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट करना पड़ा. रेलवे के मुताबिक, प्रदर्शन के कारण धुलियानगंगा और निमटीटा स्टेशनों के बीच सेवा ठप हो गई. 53029 (अजीमगंज-भागलपुर पैसेंजर) और 53435 (कटवा-अजीमगंज पैसेंजर) को रद्द कर दिया गया, जबकि 5 ट्रेनों को दूसरी दिशा में मोड़ा गया, जिनमें शामिल हैं:
राज्यपाल का बयान
राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने कहा कि उन्हें पहले से अंदेशा था कि कुछ गड़बड़ी हो सकती है. इसलिए, उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को पहले ही सूचना दे दी थी. उन्होंने कहा कि प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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