मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड इंडियन टॉयलेट से परेशान, तिहाड़ जेल में बकता है इंग्लिश; जानिए खाने में क्या मिलता है

    तहव्वुर हुसैन राणा, जो अब तक अमेरिका की जेल में था, आखिरकार भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है. एनआईए की पूछताछ पूरी होने के बाद अब यह अंतरराष्ट्रीय आतंकी दिल्ली की तिहाड़ जेल की सख्त निगरानी में है.

    Mumbai attack mastermind Tihar jail
    तहव्वुर राणा | Photo: X

    नई दिल्लीः 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के करीब 16 साल बाद भारत को आखिरकार उस साजिशकर्ता तक पहुंच मिल गई, जिसकी तलाश लंबे समय से थी. तहव्वुर हुसैन राणा, जो अब तक अमेरिका की जेल में था, आखिरकार भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है. एनआईए की पूछताछ पूरी होने के बाद अब यह अंतरराष्ट्रीय आतंकी दिल्ली की तिहाड़ जेल की सख्त निगरानी में है.

    जेल प्रशासन ने उसे उच्च सुरक्षा वाले ब्लॉक में रखा है, जहां उसके आसपास देश के अन्य खतरनाक कैदी भी हैं. हालांकि, हर कैदी के लिए अलग सेल है, जिससे किसी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है.

    कैदी नंबर 1784: राणा की नई पहचान

    तिहाड़ जेल में तहव्वुर राणा को कैदी नंबर 1784 के रूप में दर्ज किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, उसे जिस ब्लॉक में रखा गया है वह कम भीड़भाड़ वाला है और उसकी निगरानी बेहद कड़ी है. यह ब्लॉक विशेष रूप से गंभीर मामलों के आरोपियों के लिए बनाया गया है.

    एनआईए ने न्यायालय के आदेश पर उसकी हैंडराइटिंग और वॉइस सैंपल भी लिए हैं. अदालत ने उसे 6 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

    "वेस्टर्न टॉयलेट चाहिए, रोटी पसंद नहीं"

    सूत्रों की मानें तो राणा को तिहाड़ की दिनचर्या और बुनियादी सुविधाओं से काफी असहजता हो रही है. खास तौर पर इंडियन स्टाइल टॉयलेट को लेकर उसने आपत्ति जताई है और जेल प्रशासन से वेस्टर्न टॉयलेट की मांग की है. इसके अलावा, उसने कुछ किताबें पढ़ने की अनुमति भी मांगी है.

    भोजन को लेकर भी राणा बेहद चुनिंदा व्यवहार कर रहा है. उसे भारतीय रोटियां पसंद नहीं हैं और वह अधिकतर सिर्फ चाय, ब्रेड और दलिया जैसी चीज़ों तक ही सीमित रह रहा है.

    जेल में मिली बुनियादी सुविधाएं

    तिहाड़ प्रशासन ने तहव्वुर राणा को जेल के नियमों के अनुसार आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. उसे छह कंबल दिए गए हैं, जिसमें से तीन बिस्तर पर बिछाने के लिए हैं. साथ ही एक पंखा भी मुहैया कराया गया है.

    दिनचर्या के अनुसार, सुबह 7 बजे नाश्ते में चाय, बिस्कुट, ब्रेड या दलिया दिया जाता है. दोपहर और रात के खाने में दाल, चावल और सब्जी होती है. शाम को हल्का नाश्ता भी शामिल है. हालांकि, राणा इन सभी में से बहुत कम चीज़ें ही खा रहा है.

    अंग्रेज़ी में संवाद, सीमित संपर्क

    राणा सिर्फ अंग्रेज़ी में संवाद करता है और जेल कर्मचारियों से उसका संवाद बेहद सीमित है. जेल प्रशासन उसकी गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रखे हुए है और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है.

    ये भी पढ़ेंः 'हिम्मत है तो दिन में हमला करते', दुम दबाकर भाग उठे थे पाकिस्तान के 'बयानवीर', अब फिर बिलबिलाने लगे बिलावल