लुधियाना: पंजाब के युवाओं की विदेश बसने की चाहत को हथियार बनाकर एक मां-बेटी की जोड़ी ने सात से अधिक युवकों को ठगा. दावा किया गया कि बेटी हरप्रीत कौर कनाडा में वर्क परमिट पर है और वहां सेटल हो चुकी है. मां सुखदर्शन कौर ने इस दावे के आधार पर कई परिवारों को शादी का प्रस्ताव भेजा और लाखों रुपये ऐंठ लिए. खास बात यह रही कि सगाई की रस्में भी वीडियो कॉल और फोटो के जरिए वर्चुअल तरीके से की जाती थीं.
ऐसे चलता था ठगी का नेटवर्क
हरप्रीत कौर फिलहाल कनाडा में है और उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी चल रही है. उसकी मां सुखदर्शन कौर स्थानीय अखबारों में वैवाहिक विज्ञापन छपवाकर या बिचौलियों के जरिये परिवारों से संपर्क करती थी. युवकों को भरोसा दिलाया जाता कि लड़की कनाडा में पढ़ाई पूरी करके वर्क परमिट पर स्थायी रूप से रह रही है. इसके बाद वीडियो कॉल्स करवा कर, हरप्रीत की तस्वीरें दिखाकर और यहां तक कि वर्चुअल सगाई समारोह आयोजित कर शादी की औपचारिकताएं निभाई जाती थीं.
शादी की एवज में 15 से 18 लाख रुपये की मांग
सुखदर्शन हर परिवार से 20 लाख रुपये तक की मांग करती थी, जो बातचीत के बाद 15 से 18 लाख पर तय होती. यह रकम शादी, कनाडा भेजने के खर्च और लड़की की शिक्षा में लगाए गए कथित पैसों के नाम पर मांगी जाती थी. कई परिवारों ने जमीन बेचकर, कर्ज लेकर यह रकम दी. एक पीड़ित के पिता ने बताया कि उन्होंने 18 लाख रुपये इसलिए दिए क्योंकि उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि कनाडा में रहने की पूरी प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है.
होटल में रेड, गिरोह का पर्दाफाश
पंजाब के खन्ना पुलिस ने 10 जुलाई को दोराहा के एक होटल में छापा मारकर इस ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जहां एक और फर्जी सगाई की तैयारी चल रही थी. पुलिस ने सुखदर्शन कौर, उसके बेटे मनप्रीत सिंह और उनके सहयोगी अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. हरप्रीत फिलहाल कनाडा में है और जांच एजेंसियां उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में जुटी हैं.
₹1.6 करोड़ का लेन-देन संदेह के घेरे में
पुलिस जांच में सामने आया है कि पिछले दो सालों में सुखदर्शन और उसके बेटे के बैंक खातों में करीब 1.6 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है. जांचकर्ता इस पूरे लेन-देन को ठगी से जोड़कर देख रहे हैं. पुलिस को यह केस तब मजबूत हाथ लगा, जब एक पीड़ित को गलती से एक वॉइस नोट मिला, जिसमें पैसे वसूलने की बात साफ तौर पर रिकॉर्ड थी.
कानूनी कार्रवाई और संदेश
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 316(2), 318(4) और 61(2) के तहत केस दर्ज किया है. यह पूरा मामला सिर्फ धोखाधड़ी नहीं, बल्कि समाज के उस पक्ष को भी उजागर करता है, जहां विदेश में बसने का सपना इतना हावी है कि लोग बिना किसी ठोस जानकारी के बड़ी रकम गंवा देते हैं.
ये भी पढ़ें- दुनिया का पहला डुअल स्टेल्थ ड्रोन बना रहा भारत, रडार से बचकर सेकेंड्स में करता है अटैक, जानें ताकत