Mohini Ekadashi 2025: मोहिनी एकादशी के दिन सुने ये कथा, जानें पूजा का समय और महत्व

    Mohini Ekadashi 2025: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार मोहिनी एकादशी 8 मई 2025, गुरुवार को पड़ रही है.

    Mohini Ekadashi Vrat Katha 2025 time and date
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    Mohini Ekadashi 2025: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार मोहिनी एकादशी 8 मई 2025, गुरुवार को पड़ रही है, जो कि अत्यंत शुभ संयोग है क्योंकि गुरुवार स्वयं भगवान विष्णु का दिन माना जाता है. ऐसे में विष्णु व्रत और एकादशी व्रत दोनों का पुण्य एक साथ प्राप्त होगा.

    इस दिन भद्रा काल भी रहेगा, लेकिन इसका वास पाताल लोक में होने से धरती पर इसका कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा. अतः भक्तगण निर्भय होकर पूजा-पाठ व अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं.

    मोहिनी एकादशी की पौराणिक कथा

    प्राचीन काल में भद्रावती नगर में द्युतिमान नामक राजा राज्य करता था. उस नगर में धनपाल नामक एक पुण्यात्मा वैश्य भी रहता था जो भगवान विष्णु का परम भक्त था. उसने धर्मशालाएँ, अन्न क्षेत्र और बाग-बगिचे बनवाए थे. उसका सबसे छोटा पुत्र धृष्टबुद्धि बुरे कर्मों में लिप्त था—वह मदिरा, मांस, चोरी जैसे पाप कर्मों में लिप्त था और पितृ अपमान भी करता था.

    पिता ने जब उससे तंग आकर उसे घर से निकाल दिया तो धृष्टबुद्धि ने आभूषण बेचकर कुछ दिन गुजारा किया, फिर चोरी की और पकड़ा गया. सजा भुगतने के बाद वह दर-दर भटकता रहा. एक दिन कौडिन्य ऋषि के आश्रम पहुंचा, जहां उनके गंगा स्नान से लौटने पर कुछ बूंदें उसके शरीर पर पड़ीं. यह स्पर्श उसके भीतर चेतना जाग्रत कर गया. धृष्टबुद्धि ने ऋषि को अपनी जीवन गाथा सुनाई और मार्गदर्शन माँगा. कौडिन्य ऋषि ने उसे मोहिनी एकादशी व्रत रखने की सलाह दी. उसने विधिपूर्वक व्रत किया और भगवान विष्णु का पूजन किया. परिणामस्वरूप, उसके समस्त पाप नष्ट हो गए और अंततः उसे मोक्ष प्राप्त हुआ.

    मोहिनी एकादशी व्रत 2025: मुहूर्त और पारण समय

    • एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 मई 2025, बुधवार सुबह 10:19 बजे
    • एकादशी तिथि समाप्त: 8 मई 2025, गुरुवार दोपहर 12:29 बजे
    • भद्रा काल: 8 मई, सुबह 05:35 से दोपहर 12:29 तक (वास पाताल लोक में, अशुभ नहीं)
    • ब्रह्म मुहूर्त: 04:10 AM से 04:53 AM
    • अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:45 PM
    • व्रत पारण समय: 9 मई 2025, शुक्रवार, सुबह 05:34 से 08:16 बजे तक
    • द्वादशी तिथि समाप्ति: 9 मई, शुक्रवार, दोपहर 02:56 बजे

    व्रत का महत्व

    माना जाता है कि मोहिनी एकादशी व्रत रखने और इसकी कथा सुनने से हज़ारों गौदान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है. यह व्रत मानव जीवन के सारे पापों से मुक्ति दिलाने में सक्षम होता है. इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायक होती है और उन्हें प्रसन्न कर व्यक्ति जीवन में शुभता और मोक्ष की ओर अग्रसर होता है.

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