नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्षविराम समझौते पर अब सियासी बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने पाकिस्तान पर भरोसा जताने को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि “जब एक देश की सरकार ही सबसे बड़ा आतंकी सिंडिकेट बन चुकी हो, तो संघर्षविराम का कोई औचित्य नहीं रह जाता.”
“ग्रेनेड से हाथ मिलाने” जैसा है पाकिस्तान पर भरोसा
देवड़ा ने पाकिस्तान की कथनी और करनी में फर्क बताते हुए कहा, “अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को वही देश पाल-पोस रहा है जिससे हम संघर्षविराम की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह खुद को धोखा देने जैसा है.” उन्होंने पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उस पर भरोसा करना उतना ही खतरनाक है जितना कि "ग्रेनेड से हाथ मिलाना."
घोषणा के चार घंटे बाद ही सीजफायर का उल्लंघन
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम लागू हुए केवल कुछ ही घंटे बीते थे और पाकिस्तान ने सीमा पार से फायरिंग और ड्रोन हमले शुरू कर दिए. शनिवार शाम 5 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद ज़मीन, वायु और समुद्री सीमाओं पर गोलीबारी रोकने पर सहमति बनी थी. लेकिन पाकिस्तान ने इस पर टिके रहने के बजाय फिर से नापाक हरकतें शुरू कर दीं.
श्रीनगर में फिर गूंजे धमाके
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी संघर्षविराम की विफलता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि श्रीनगर जैसे संवेदनशील इलाकों में धमाकों की आवाज़ें अब भी सुनाई दे रही हैं, जो दर्शाता है कि पाकिस्तान की नीयत पर अभी भी सवाल खड़े हैं.