19 मिनट में मौत के मुंह से निकाली गई छात्रा, Meta Alert और UP Police ने ऐसे बचाई जान

    उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक 18 वर्षीय छात्रा ने सोशल मीडिया पर अपनी आत्महत्या की मंशा जाहिर कर दी. छात्रा ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह पंखे से दुपट्टे का फंदा लगाए नजर आ रही थी.

    meta alert and up polices saves gorakhpur student life in 19 minutes
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक 18 वर्षीय छात्रा ने सोशल मीडिया पर अपनी आत्महत्या की मंशा जाहिर कर दी. छात्रा ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह पंखे से दुपट्टे का फंदा लगाए नजर आ रही थी. साथ ही उसने कैप्शन में लिखा, "गुड बाय इन माय लाइफ". यह पोस्ट सिर्फ एक इमोशनल अपडेट नहीं थी, बल्कि एक गंभीर कदम की चेतावनी थी.

    मेटा कंपनी ने भेजा अलर्ट, पुलिस तुरंत हुई सक्रिय

    घटना 29 जुलाई की रात करीब 12:48 बजे की है. मेटा कंपनी (जिसके पास इंस्टाग्राम और फेसबुक का स्वामित्व है) ने इस खतरनाक पोस्ट पर तुरंत संज्ञान लेते हुए यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर को ईमेल के माध्यम से अलर्ट भेजा. डीजीपी मुख्यालय को जैसे ही यह जानकारी मिली, डीजीपी राजीव कृष्ण ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए.

    सिर्फ 19 मिनट में पहुंची पुलिस

    मेटा द्वारा साझा की गई लोकेशन के आधार पर अलर्ट गोरखपुर के बेलघाट थाना भेजा गया. पुलिस टीम उपनिरीक्षक और महिला आरक्षी के नेतृत्व में छात्रा के घर पहुंची और परिजनों की मदद से उसे फंदे से उतारकर प्राथमिक उपचार दिलवाया. पुलिस की तत्परता से एक बड़ी अनहोनी टल गई.

    मानसिक तनाव में थी छात्रा

    पूछताछ में छात्रा ने बताया कि वह 12वीं की छात्रा है और हाल ही में अपने बॉयफ्रेंड से अनबन के कारण मानसिक रूप से परेशान चल रही थी. इसी तनाव में उसने यह कदम उठाया. पुलिस ने उसे काउंसलिंग दी, जिसके बाद छात्रा ने दोबारा ऐसा न करने का वादा किया.

    मेटा और यूपी पुलिस ने अब तक 1181 जानें बचाईं

    गौरतलब है कि साल 2022 से मेटा और यूपी पुलिस के बीच एक विशेष व्यवस्था लागू है. इसके तहत यदि कोई व्यक्ति फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या जैसा कोई इशारा करता है, तो मेटा तुरंत पुलिस को अलर्ट भेजती है. इस व्यवस्था के तहत 1 जनवरी 2023 से 25 जुलाई 2025 तक कुल 1181 लोगों की जान बचाई जा चुकी है.

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