अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार, 13 दिसंबर को संपन्न हुई. इस बैठक में आगामी धार्मिक आयोजनों, मंदिर परिसर से जुड़े विकास कार्यों और स्मृति स्थलों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. बैठक की अध्यक्षता ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की.
बैठक के दौरान विशेष रूप से प्रतिष्ठा द्वादशी के आयोजन, राम मंदिर परिसर में प्रस्तावित निर्माण कार्यों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई.
रामलला के पूर्व विराजमान स्थल पर बनेगा नया मंदिर
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिस स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम अपने भाइयों- लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ विराजमान थे, वहां एक अलग मंदिर का निर्माण किया जाएगा. यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व रखता है.
इसी क्षेत्र के पास राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की स्मृति में एक विशेष स्मारक भी बनाया जाएगा. ट्रस्ट का कहना है कि यह स्मारक आंदोलन के बलिदानियों के योगदान को स्थायी रूप से याद रखने का माध्यम बनेगा.
मनाई जाएगी प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ
ट्रस्ट ने जानकारी दी कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस अवसर को इस वर्ष “प्रतिष्ठा द्वादशी” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.
इस दिन मंदिर परिसर में स्थित सात उप-मंदिरों के शिखरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा. इसके साथ ही विशेष धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा.
27 से 31 दिसंबर तक मंडल पूजा और धार्मिक आयोजन
बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रतिष्ठा द्वादशी से जुड़े सभी प्रमुख कार्यक्रम अंगद टीला क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे. कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत:
इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था की गई है.
भजन, नृत्य और कवि सम्मेलन आकर्षण का केंद्र
ट्रस्ट की योजना के अनुसार इन आयोजनों में देश के जाने-माने कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे. भजन संध्या में:
अपनी भक्ति प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को भावविभोर करेंगे.
इसके साथ ही कथक नृत्य नाटक, अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और कवि सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें कई प्रसिद्ध कवि भाग लेंगे.
मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों को मिलेगा सम्मान
बैठक में यह भी फैसला किया गया कि राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले लगभग 400 श्रमिकों को सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान समारोह हिंदू नव वर्ष के अवसर पर 19 मार्च को आयोजित किया जाएगा. ट्रस्ट का मानना है कि मंदिर निर्माण में श्रमिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है और उनका सम्मान करना आवश्यक है.
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