Maruti Grand Vitara Recall 2025: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने एक बार फिर सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपनी लोकप्रिय SUV ग्रैंड विटारा के हज़ारों मॉडल वापस मंगाने का फैसला लिया है. फ्यूल इंडिकेटर सिस्टम में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी सामने आने के बाद कंपनी ने 39,506 यूनिट्स का बड़ा रिकॉल शुरू किया है. यह गाड़ियां 9 दिसंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के बीच बनाई गई थीं.
कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, स्पीडोमीटर असेंबली में मौजूद फ्यूल गेज और लो-फ्यूल वार्निंग लाइट सही डेटा नहीं दिखा रहे हैं. इसका मतलब यह है कि चालक को ईंधन का सटीक लेवल पता नहीं चल पाएगा, जो लंबी दूरी की यात्राओं या हाईवे ड्राइविंग में जोखिम पैदा कर सकता है.मारुति का कहना है कि यह समस्या सीमित वाहनों में देखी गई है, फिर भी एहतियात के तौर पर सभी प्रभावित यूनिट्स की जांच को प्राथमिकता दी जा रही है. कंपनी ने सलाह दी है कि ओनर्स अपनी कार में पर्याप्त फ्यूल रखकर चलें और सर्विस सेंटर में जल्द से जल्द पार्ट रिप्लेसमेंट करवाएं.
ग्राहकों से नहीं लिया जाएगा कोई शुल्क
मारुति सुजुकी ने पुष्टि की है कि अधिकृत वर्कशॉप्स प्रभावित कारों के मालिकों से सीधे संपर्क करेंगी और खराब पार्ट को पूरी तरह फ्री ऑफ कॉस्ट बदला जाएगा.ग्राहक स्वयं भी अपना व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (VIN) डालकर ऑनलाइन जांच सकते हैं कि उनकी कार इस रिकॉल का हिस्सा है या नहीं.
ग्रैंड विटारा के पिछले रिकॉल
यह पहली बार नहीं है जब ग्रैंड विटारा को रिकॉल किया गया है.जनवरी 2023 में 11,177 यूनिट्स रियर सीट बेल्ट माउंटिंग ब्रैकेट में तकनीकी दोष के कारण वापस बुलाई गई थीं.इससे पहले जनवरी 2023 में 17,362 गाड़ियों का रिकॉल एयरबैग कंट्रोलर की समस्या को लेकर हुआ था.नवंबर 2022 में भी कंपनी ने 9,125 वाहनों को वापस बुलाया था, जिनमें सियाज, ब्रेजा, अर्टिगा, XL6 और ग्रैंड विटारा शामिल थीं.मारुति की अन्य कारें भी पहले कई बार तकनीकी मुद्दों की वजह से रिकॉल हो चुकी हैं, जिनमें वैगनआर, सेलेरियो, इग्निस और ईको जैसे मॉडल शामिल हैं.
देश में बड़े रिकॉल के प्रमुख उदाहरण
भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा रिकॉल कोई नई बात नहीं है.महिंद्रा, रॉयल एनफील्ड और मारुति जैसी दिग्गज कंपनियां पहले भी सुरक्षा संबंधी कारणों से बड़े स्तर पर वाहन वापस बुला चुकी हैं.कभी फ्यूल पंप की गड़बड़ी, कभी ब्रेक असेंबली, तो कभी इलेक्ट्रिक कमांड यूनिट, सभी तरह के दोषों को ठीक करने के लिए निर्माताओं द्वारा रिकॉल को अपनाया जाता रहा है.
रिकॉल क्या है और क्यों होता है?
जब कोई वाहन निर्माता अपने बेचे गए मॉडल को तकनीकी खामी के कारण वापस मंगाता है, तो इसे “रिकॉल” कहते हैं. यह प्रक्रिया इसलिए होती है ताकि वाहन में मौजूद संभावित खतरे को समय रहते दूर किया जा सके और ग्राहक को भविष्य में किसी गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े.
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
रिकॉल शुरू करने से पहले कंपनी SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) को पूरी रिपोर्ट देती है, इसमें बताया जाता है कि कितने प्रतिशत ग्राहकों को समस्या हुई है और खामी का असर कितना व्यापक है.SIAM की मंजूरी के बाद कंपनी सुधार प्रक्रिया शुरू करती है.अगर ग्राहक अपने शहर से दूर है, तो वह देशभर में किसी भी अधिकृत सर्विस सेंटर पर मुफ्त रिपेयर या पार्ट रिप्लेसमेंट करवा सकता है.
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