Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें संस्करण के जरिए देशवासियों से संवाद किया. यह एपिसोड ऐसे समय में आया है जब देश अमेरिकी टैरिफ नीति जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है और देश के कई हिस्से प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझ रहे हैं. पीएम मोदी का यह संबोधन भावनात्मक भी रहा और प्रेरणादायक भी.
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का ज़िक्र करते हुए कहा, पिछले कुछ हफ्तों में देश के कई हिस्सों में बारिश का कहर देखने को मिला है. कहीं घर बह गए, कहीं खेत डूबे, परिवार उजड़ गए. यह सिर्फ किसी एक व्यक्ति या क्षेत्र की नहीं, हम सभी की पीड़ा है. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनका दर्द पूरा देश महसूस कर रहा है.
सेना, बचाव दल और नागरिकों की सराहना
पीएम मोदी ने इस मुश्किल घड़ी में सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन के कार्यों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में हमारी सेनाएं और राहत दल जिस तरह से मदद के लिए आगे आए, वह सराहनीय है. डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने जो सहयोग और मानवता दिखाई, वह अनुकरणीय है. मैं इन सभी को दिल से धन्यवाद देता हूं.
पुलवामा में रात के क्रिकेट मैच का उल्लेख
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की उन दो घटनाओं का ज़िक्र किया, जो राज्य में बढ़ते सामाजिक और खेल गतिविधियों की झलक देती हैं. उन्होंने बताया कि पुलवामा में हाल ही में आयोजित 'Royal Premier League' के तहत पहला Day-Night Cricket Match खेला गया, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में दर्शक पहुंचे. जहां कभी अंधेरा और अनिश्चितता का माहौल होता था, वहां आज रात में खेल और उत्सव की तस्वीरें सामने आ रही हैं. ये बदलाव हमें नई ऊर्जा देते हैं.
डल झील पर हुआ ‘Khelo India Water Sports Festival’
पीएम मोदी ने श्रीनगर की डल झील पर आयोजित देश के पहले 'Khelo India Water Sports Festival' का भी ज़िक्र किया. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश भर से 800 से ज्यादा एथलीट्स ने भाग लिया और यह आयोजन न सिर्फ खेलों को बढ़ावा देने के लिए बल्कि जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती और संभावनाओं को दुनिया के सामने लाने का जरिया भी बना. प्रधानमंत्री ने इस एपिसोड में जहां आपदा पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई, वहीं सकारात्मकता और बदलाव की कहानियों से देशवासियों को प्रेरित भी किया. उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि चुनौतियों के बावजूद, देश आत्मविश्वास, सहयोग और नवाचार के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ रहा है.
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