पटना: बिहार सरकार ने अपने डिजिटल और आर्थिक विकास के सपनों को साकार करने के लिए कई अहम फैसलों की घोषणा की है. बच्चों की शिक्षा से लेकर ऊर्जा परियोजनाओं, परिवहन सुविधा और औद्योगिक विस्तार तक के व्यापक योजना-समूह को मंजूरी देते हुए राज्य सरकार ने विकास की नई दिशा तय की है. मुख्यमंत्री की पहल से शिक्षा को डिजिटल बनाना, ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी सुविधाओं का विस्तार, पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परियोजनाओं का विकास, और बस सेवा में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार भी संभव होगा. आइए विस्तार से जानते हैं बिहार कैबिनेट के इन फैसलों के बारे में.
हर विधानसभा क्षेत्र में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी
राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक का भरपूर उपयोग करते हुए बच्चों और युवाओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक डिजिटल लाइब्रेरी केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे छात्र डिजिटल माध्यम से अध्ययन कर सकेंगे. इस योजना के लिए कैबिनेट ने लगभग 94.5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. डिजिटल लाइब्रेरी केंद्र में 10 कंप्यूटर टर्मिनल, उच्च गति वाली इंटरनेट कनेक्टिविटी और विद्युत सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इन केंद्रों के लिए पंचायत भवन, प्रखंड कार्यालय, सरकारी स्कूल या कॉलेज के खाली कक्षों का उपयोग किया जाएगा. इसके संचालन के लिए प्रत्येक केंद्र पर सुपरवाइजर और तकनीकी अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे.
पटना में राज्य स्तरीय मॉडल लाइब्रेरी केंद्र
पटना जिला में एक विशेष राज्य स्तरीय डिजिटल लाइब्रेरी केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसमें 60 कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा होगी. इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय मॉडल लाइब्रेरी केंद्रों में भी 50-50 कंप्यूटर लगेंगे, जिससे डिजिटल शिक्षा का दायरा व्यापक होगा.
पीरपैंती में बन रही ताप विद्युत परियोजना
भागलपुर के पीरपैंती में पहले प्रस्तावित सौर ऊर्जा परियोजना को बदलकर अब ताप विद्युत परियोजना स्थापित करने का फैसला लिया गया है. बिहार राज्य पॉवर जेनरेशन कंपनी को लीज पर दी जाने वाली जमीन पर 800 मेगावाट क्षमता की तीन यूनिटों का निर्माण होगा. इस परियोजना के लिए न्यूनतम निविदा प्रक्रिया पूरी कर उचित टैरिफ पर संचालन सुनिश्चित किया जाएगा. लीज की अवधि 33 वर्षों या बिजली आपूर्ति समझौते की अवधि तक होगी.
बस संचालकों को मिलेगा अनुदान, बेहतर होगी बस सेवा
राज्य सरकार ने त्योहारों और पीक सीजन में बेहतर बस सेवा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से आने वाले यात्रियों के लिए पीपीपी मोड पर अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. निजी बस ऑपरेटरों को पीक सीजन में प्रति सीट 150 रुपये और ऑफ सीजन में 300 रुपये तक का प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा. इस योजना के संचालन के लिए पांच वर्षों के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और निजी बस ऑपरेटरों के साथ समझौता किया जाएगा. इसके लिए कुल 36.35 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें आकस्मिकता मद के तहत भी राशि आवंटित होगी.
औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण
राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नालंदा, मुजफ्फरपुर, सुपौल, कटिहार और औरंगाबाद के विभिन्न इलाकों में कुल 2416.01 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का निर्णय लिया है. यह जमीन आधारभूत संरचना विकास प्राधिकरण के माध्यम से अधिग्रहित की जाएगी, जिससे नए उद्योग और रोजगार के अवसर बनेंगे.
विधानसभा चुनाव के लिए 154 करोड़ रुपये की व्यवस्था
इस साल विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी व्यवस्था को मजबूत बनाने हेतु 90,712 मतदान केंद्रों पर दो-दो कैमरे लगाने, वेबकास्टिंग और अन्य आवश्यक तकनीकी व्यवस्था के लिए 154.3 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.
नगरपालिका क्षेत्रों में नए पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन
नगरपालिका क्षेत्रों में पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशनों के निर्माण के लिए न्यूनतम भूखंड का आकार अब 20 मीटर लंबाई और 20 मीटर चौड़ाई तय किया गया है, जिससे इन सुविधाओं का विकास और सुगमता बढ़ेगी.
परिवहन क्षेत्रीय आशुलिपिक संवर्ग नियमावली-2025 स्वीकृत
बिहार सरकार ने परिवहन क्षेत्रीय आशुलिपिक संवर्ग के पदों पर भर्ती, प्रोन्नति और सेवा शर्तों को लेकर नया नियमावली लागू किया है. यह नियमावली 2025 तक प्रभावी रहेगी और इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए छुट्टियों का निर्धारण
अब सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली की दुकानों को प्रत्येक सोमवार के अलावा 26 जनवरी, 15 अगस्त, 2 अक्टूबर, छठ पूजा, दुर्गापूजा (नवमी और दशमी) और ईद के दिन भी छुट्टी रहेगी. इससे दुकानदारों और कर्मचारियों को संतुलित समय मिलेगा.
मुई जिले में लौह अयस्क की ई-नीलामी
मुई जिले के मैग्नेटाइट (लौह अयस्क) के मजोस और भंटा ब्लॉक की ई-नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है, जिससे खनन क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और राजस्व संग्रह में सुधार होगा.
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