नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा निर्धारित समयसीमा के अनुसार, विभिन्न वीजा श्रेणियों के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को आज (29 अप्रैल) तक देश छोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है. यह निर्णय हाल ही में सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र लिया गया है.
इस फैसले के तहत मेडिकल वीजा पर आए नागरिकों को भी वापस लौटना होगा, भले ही उनका इलाज अभी जारी हो. तय डेडलाइन के बाद भी यदि कोई व्यक्ति भारत में ठहरता है, तो उसे तीन साल तक की जेल, तीन लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सज़ाएं हो सकती हैं.
कौन हैं अपवाद?
हालांकि यह निर्णय सभी श्रेणियों पर लागू है, डिप्लोमैटिक स्टाफ और लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) धारक इससे अप्रतिबंधित रहेंगे.
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान हाई कमीशन के डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स के प्रतिनिधियों को ‘अनवॉन्टेड पर्सन’ घोषित कर 30 अप्रैल तक भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
किन वीजा कैटेगरी को रद्द किया गया है?
भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए 14 वीजा कैटेगरी को निष्क्रिय किया है, जिनमें प्रमुख हैं:
विशेष रूप से मेडिकल वीजाधारकों से यह अपेक्षा की गई है कि वे इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज तैयार रखें, ताकि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे.
हरियाणा में सक्रियता बढ़ी
हरियाणा राज्य की CID रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में लगभग 250 पाकिस्तानी नागरिक राज्य में दाखिल हुए, जबकि 460 पहले से यहां रह रहे थे.
प्रदेश में इस समय कुल 710 पाकिस्तानी नागरिकों की उपस्थिति दर्ज हुई, जिनमें से अब तक केवल 72 ही अपने देश लौटे हैं. सरकार ने स्थानीय प्रशासन को इन नागरिकों की पहचान कर उन्हें समयसीमा के भीतर देश छोड़ने हेतु निर्देशित करने को कहा है.
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