Kanpur News: अगर आप अपने बैंक से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए गूगल का सहारा लेते हैं, तो अगली बार सावधान हो जाइए. हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर ठगों ने ऐसे कई लोगों को अपना शिकार बनाया है जिन्होंने गूगल से बैंक का कस्टमर केयर नंबर निकाला था. इन ठगों ने बड़ी चालाकी से लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा लिए.
नर्सिंग ऑफिसर का लाखों का नुकसान
कानपुर कैंट में तैनात नर्सिंग ऑफिसर अखिलेश सुभाष, जो मूल रूप से केरल के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले हैं, ने 17 अप्रैल को बैंक की मेंबरशिप से संबंधित जानकारी के लिए गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजा. उन्होंने जो नंबर डायल किया, वह एक साइबर ठग का था. कॉल करने के बाद ठगों ने बातचीत के दौरान अखिलेश के क्रेडिट कार्ड से ₹1,00,708 निकाल ली. जब तक अखिलेश को स्थिति का पता चलता, तब तक ठगी हो चुकी थी. उन्होंने तुरंत साइबर सेल को सूचित किया और मामला कानपुर कैंट थाने में दर्ज किया गया.
महिला से ₹92,000 की ठगी
गुजैनी थाना क्षेत्र के वैष्णवी बिहार निवासी दिव्या को भी एक साइबर ठग ने अपना निशाना बनाया. 20 जून को दिव्या को एक कॉल आया, जिसमें खुद को बैंक का कर्मचारी बताते हुए उन्हें सूचित किया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड पर सालाना ₹2,500 का चार्ज लगेगा. दिव्या ने सर्विस को कैंसिल करने का अनुरोध किया, जिसके बाद उन्हें एक हेल्पलाइन नंबर दिया गया. अगले दिन, इसी नंबर से मिलते-जुलते नंबर से कॉल आई और ठगों ने उनके कार्ड डिटेल्स ले लीं. इसके बाद दिव्या के खाते से ₹92,000 निकाल लिए गए. जब दिव्या ने बैंक से संपर्क किया, तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ. इस मामले में भी गुजैनी थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है.
गूगल पर मिले हेल्पलाइन नंबर से बचें
इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट है कि गूगल पर जो भी हेल्पलाइन नंबर दिखते हैं, वे पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होते. बैंक से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए हमेशा संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग करें. किसी भी अनजान नंबर से कॉल आने पर अपनी बैंक डिटेल्स साझा न करें. कानपुर साइबर सेल दोनों मामलों की जांच कर रही है और आम जनता को साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
साइबर ठगी से बचने के उपाय
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