बिलावल ने UN में करा ली अपनी बेइज्जती, प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकार ने किया भुट्टो के झूठ का पर्दाफाश

    संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी उस समय असहज स्थिति में आ गए जब एक पत्रकार ने उनके बयानों पर सवाल उठाते हुए तथ्यों के साथ उनका विरोध किया.

    Journalist caught Bilawals lie in UN
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    न्यूयॉर्क/इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी उस समय असहज स्थिति में आ गए जब एक पत्रकार ने उनके बयानों पर सवाल उठाते हुए तथ्यों के साथ उनका विरोध किया.

    भुट्टो ने अपने बयान में दावा किया कि भारत सरकार ने कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को "राजनीतिक हथियार" की तरह इस्तेमाल किया ताकि देश के मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से पेश किया जा सके.

    हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एक स्वतंत्र पत्रकार ने भारत की सैन्य प्रेस ब्रीफिंग्स का हवाला देते हुए कहा कि भारत की ओर से इस हमले के जवाब में जो अधिकारी सामने आए, उनमें प्रमुख रूप से मुस्लिम अधिकारी भी शामिल थे. उन्होंने विशेष रूप से कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का नाम लिया, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में मीडिया को जानकारी दी थी. इससे भुट्टो के दावे पर तत्काल सवाल खड़े हो गए.

    पाकिस्तान की शांति की अपील या दोहरा रवैया?

    भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ "बिना किसी शर्त के" शांति चाहता है, लेकिन उन्होंने साथ ही यह आरोप भी लगाया कि भारत ने बिना किसी ठोस सबूत के पाकिस्तान को आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

    उनका दावा था कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की जांच में सहयोग की पेशकश की थी, जिसे भारत ने नजरअंदाज कर दिया. इसके साथ ही भुट्टो ने भारत पर "सीमा पार कर निर्दोष लोगों को निशाना बनाने" का भी आरोप लगाया.

    हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ नीति को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. पाकिस्तान खुद यह स्वीकार करता है कि उसने आतंकवाद से लड़ते हुए भारी कीमत चुकाई है, लेकिन आतंकियों को लेकर उसके दोहरे मापदंड पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास कमजोर पड़ा है.

    भारत-पाक संबंधों पर भुट्टो की चेतावनी

    भुट्टो ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और हालिया घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह दक्षिण एशिया में शांति की स्थापना के लिए हस्तक्षेप करे.

    हालांकि भारत का आधिकारिक रुख रहा है कि वह आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चला सकता. भारत लगातार यह मांग करता रहा है कि पाकिस्तान पहले अपनी ज़मीन से संचालित होने वाले आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करे.

    पाकिस्तान का विदेशी 'सॉफ्ट पॉवर' अभियान

    भारत की तरह पाकिस्तान ने भी हालिया घटनाओं के बाद वैश्विक जनमत को प्रभावित करने के लिए एक उच्चस्तरीय डेलिगेशन विदेशों में भेजा है. इस 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बिलावल भुट्टो कर रहे हैं, और यह न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स की यात्रा करेगा.

    इस टीम में प्रमुख नेता जैसे कि:

    • डॉ. मुसद्दिक मलिक (जलवायु परिवर्तन मंत्री),
    • शेरी रहमान (पूर्व सूचना मंत्री),
    • हिना रब्बानी खार (विदेश मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्ष),
    • खुर्रम दस्तगीर खान (पूर्व रक्षा मंत्री),
    • जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ (पूर्व विदेश सचिव) भी शामिल हैं.

    इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सलाहकार सैयद तारिक फातिमी एक अलग डेलिगेशन के साथ रूस का दौरा कर रहे हैं.

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