'पहले पैसे दो, फिर...', EMI नहीं चुका पाया पति तो पत्नी को ही उठा ले गए बैंक वाले, जानें पूरा मामला

    उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक प्राइवेट बैंक के कर्मचारियों ने महिला को लोन की किश्त न चुकाने पर कथित तौर पर घंटों तक बैंक में बंधक बना कर रखा.

    Jhansi Private Bank took away wife for not paying Loan installment
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    Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक प्राइवेट बैंक के कर्मचारियों ने महिला को लोन की किश्त न चुकाने पर कथित तौर पर घंटों तक बैंक में बंधक बना कर रखा. यह घटना मोंठ थाना क्षेत्र के ग्राम बम्हरौली स्थित आजाद नगर मोहल्ले में घटी, और जब महिला के पति ने पुलिस से मदद मांगी तो मामला खुला. आइए जानते हैं पूरी कहानी.

    महिला को बंधक बनाने का आरोप

    घटना सोमवार दोपहर की है, जब पूजा वर्मा नामक महिला को बैंक कर्मचारियों ने लोन की किश्त न चुकाने के कारण जबरन बैंक के अंदर बिठा लिया. महिला के पति, रविंद्र वर्मा ने बताया कि बैंक कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक लोन की बकाया रकम नहीं चुकाई जाएगी, महिला को नहीं छोड़ा जाएगा. इसके बाद रविंद्र ने पुलिस को सूचना दी और डायल 112 पर मदद मांगी. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और महिला को मुक्त कराया.

    महिला ने बैंक और एजेंटों पर लगाया गबन का आरोप

    पुलिस पूछताछ में महिला ने बताया कि उसने बैंक से 40,000 रुपये का पर्सनल लोन लिया था, जिसकी मासिक किश्त 2,120 रुपये थी. अब तक वह 11 किस्तें चुका चुकी थी, लेकिन बैंक में केवल 8 किस्तें ही जमा दिखायी जा रही थीं. पूजा ने आरोप लगाया कि बैंक के एजेंटों, कौशल और धर्मेंद्र ने उसकी तीन किश्तों का पैसा जमा नहीं किया और गबन कर लिया. इसके कारण महिला को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

    बैंक कर्मचारियों का पक्ष

    बैंक के मैनेजर अनुज कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि महिला पिछले सात महीने से किस्त नहीं चुका रही थी, इसलिए उसे बैंक बुलाया गया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला अपने पति के साथ बैंक आई थी और खुद ही बैंक में बैठी थी, उसे जबरन रोका नहीं गया था. हालांकि, महिला और उसके पति का आरोप था कि बैंक के एजेंटों ने ही बीच में पैसा खा लिया और किश्तें जमा नहीं की.

    पति ने लगाए गंभीर आरोप

    पति, रविंद्र वर्मा ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने बैंक को 11 किस्तें जमा की थीं, लेकिन बैंक केवल सात किस्तें ही दिखा रहा था. उनका कहना था कि एजेंटों ने उनकी किश्तों का पैसा खा लिया और इसे बैंक में जमा नहीं किया. रविंद्र ने कहा कि बैंक ने पहले पैसे की मांग की और बाद में उनकी पत्नी को छोड़ने की बात कही, जबकि महिला को करीब 4 घंटे तक बैंक में बिठाकर रखा गया था.

    पुलिस की मदद से हुआ राजीनामा

    यह मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, और बैंक कर्मचारियों को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया. हालांकि, इस दौरान महिला और उसके पति ने बैंक के कर्मचारियों और एजेंटों के खिलाफ अपनी शिकायतें दर्ज करवाईं.  

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