Japanese Baba Vanga Prediction: एक रहस्यमय जापानी भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी (Ryo Tatsuki) की एक हालिया चेतावनी ने पूरे पूर्वी एशिया में हलचल मचा दी है. जिनकी भविष्यवाणियों की शैली और सटीकता को देखकर उन्हें सोशल मीडिया पर अब "जापानी बाबा वांगा" कहा जा रहा है. तात्सुकी ने दावा किया है कि 5 जुलाई 2025 को जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र में एक भीषण सुनामी आने वाली है, जो 2011 के विनाशकारी तोहोकू भूकंप से भी अधिक खतरनाक हो सकती है. इस भविष्यवाणी के बाद हवाई यात्रा में उथल-पुथल मच गई है, प्रशासन हाई अलर्ट पर है और तटीय इलाकों में रह रहे लोग चिंतित हैं.
भविष्यवाणी का असर: हवाई उड़ानों पर पड़ा सीधा प्रभाव
तात्सुकी की चेतावनी के बाद जापान आने-जाने वाली कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग से जापान की लगभग 80% बुकिंग्स कैंसिल हो चुकी हैं. हांगकांग एयरलाइंस ने कागोशिमा और कूमामोटो के लिए जुलाई-अगस्त की सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं. जापानी विमानन मंत्रालय ने भी तटीय उड़ानों को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
कौन हैं रियो तात्सुकी?
रियो तात्सुकी कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि एक जानी-मानी भविष्यवक्ता हैं जो सपनों के माध्यम से आने वाली घटनाओं की झलक देखती हैं. उन्होंने इससे पहले. 2011 का तोहोकू भूकंप, कोविड-19 महामारी, प्रिंसेस डायना की असामयिक मृत्यु, जैसी बड़ी घटनाओं की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी. तात्सुकी का दावा है कि इस बार जो सुनामी आने वाली है, उसमें लहरें पिछले किसी भी आपदा से तीन गुना ऊंची होंगी और इसका प्रभाव न केवल जापान, बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र में महसूस किया जा सकता है.
सावधानी बरत रही है सरकार और वैज्ञानिक समुदाय
हालांकि यह भविष्यवाणी अब तक किसी वैज्ञानिक पुष्टि से प्रमाणित नहीं हुई है, लेकिन जापान सरकार और विभिन्न तटीय प्रांतों के प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. कुछ डोमेस्टिक एयरपोर्ट्स ने अस्थाई रूप से उड़ानों को स्थगित कर दिया है. स्थानीय प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों में आपातकालीन तैयारी तेज कर दी है. जैसे ऊंचे स्थानों पर लोगों को पहुंचाना, राहत शिविरों की तैयारी, और आपदा उपकरणों की जांच. भू-वैज्ञानिक संस्थान आने वाले दिनों में संभावित प्लेट मूवमेंट और समुद्री हलचल पर नजर रख रहे हैं.
सिर्फ एक चेतावनी या अनदेखा संकट?
तात्सुकी की इस चेतावनी ने एक ओर जहां दहशत का माहौल बना दिया है, वहीं दूसरी ओर यह बहस भी तेज हो गई है कि क्या भविष्यवाणियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए जब तक कि वे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित न हों? फिलहाल, जापान और इसके आसपास के तटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियां जोरों पर हैं. और सबकी निगाहें 5 जुलाई और उसके आसपास की तारीखों पर टिकी हैं. क्या यह एक और ऐतिहासिक चेतावनी सिद्ध होगी, या बस एक अनचाही घबराहट?
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