E10 Series Bullet Train: भारत में बुलेट ट्रेन का सपना अब जल्द ही हकीकत बनने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान, जापान ने भारत को अपनी सबसे एडवांस हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन E10 शिंकानसेन देने का वादा किया है. यह ट्रेन न केवल तेज़ रफ्तार से चलने वाली होगी, बल्कि इसमें सुरक्षा और आराम के भी नए मानक स्थापित किए जाएंगे. आइए जानते हैं इस नई बुलेट ट्रेन की खासियत और कब हम इसका अनुभव कर पाएंगे.
E10 शिंकानसेन: तेज रफ्तार और जबर्दस्त सुरक्षा
E10 शिंकानसेन बुलेट ट्रेन, जापान की रेलवे द्वारा विकसित की गई है. इस ट्रेन की रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा है, और यह पूरी क्षमता से 360 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है. खास बात यह है कि इस ट्रेन में मौजूद एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम इसे टॉप स्पीड पर होने के बावजूद जल्दी और सुरक्षित रूप से रोक सकता है. जहां सामान्य बुलेट ट्रेन को रुकने में 4 किमी की दूरी चाहिए होती है, वहीं E10 केवल 3.4 किमी में रुक सकती है. इसके अलावा, इस ट्रेन में भूकंप की झटकों को भी सहन करने की क्षमता है. इसमें L-आकार के गाइड लगे हैं, जो ट्रेन को पटरी से उतरने से बचाते हैं. इस प्रकार, E10 न केवल तेज़ है, बल्कि सुरक्षित भी है.
भारत में कब होगी E10 शिंकानसेन की शुरुआत?
फिलहाल, E10 शिंकानसेन ट्रेन अपने निर्माण के अंतिम चरण में है और इसे जापान में 2030 तक शुरू करने की योजना है. शुरुआत में भारत को अस्थायी रूप से E5 और E3 सीरीज की ट्रेनें दी जाएंगी. 2027-28 में जब मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू होगा, तब E5 सीरीज की ट्रेन चलेंगी. इसके बाद, धीरे-धीरे इन ट्रेनों को E10 सीरीज से बदल दिया जाएगा.
जापान क्यों दे रहा है इतनी एडवांस बुलेट ट्रेन?
शुरुआत में, जापान की योजना भारत को E5 शिंकानसेन देने की थी, लेकिन प्रोजेक्ट की देरी और जापान की नई तकनीक के चलते E10 सीरीज की पेशकश की गई है. इस ट्रेन का डिज़ाइन जापान के प्रसिद्ध चेरी ब्लॉसम फूलों से प्रेरित है और इसमें नए प्रकार की विलचेज़ यात्री सीट और लक्ज़री सीटिंग व्यवस्था शामिल हैं. साथ ही, इसमें ज्यादा सामान रखने की जगह भी दी गई है. खास बात यह है कि यह ट्रेन भूकंपरोधी भी है, जो इसे अत्यधिक सुरक्षित बनाता है.
भारत में बुलेट ट्रेन
भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम कई वर्षों से चल रहा है. 2009 में इस प्रोजेक्ट पर पहली बार विचार किया गया था और बाद में जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) और भारतीय रेलवे मंत्रालय ने इस पर संयुक्त रूप से काम करना शुरू किया. 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट (MAHSR) की नींव रखी थी. हालांकि, शुरुआत में इस प्रोजेक्ट में कई समस्याएं आईं, लेकिन अब यह परियोजना 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है.
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