Ramban Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में शुक्रवार देर रात कुदरत ने ऐसा कहर ढाया, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया. शांत और सुरम्य घाटी में अचानक बादल फटा, जिससे भारी तबाही मच गई. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य अब भी लापता हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, रात करीब दो बजे तेज बारिश के बाद एक भयानक गर्जना सुनाई दी और देखते ही देखते पानी का सैलाब घरों में घुसने लगा. कई लोग नींद से उठ भी नहीं पाए और तेज़ बहाव में बह गए.
राहत-बचाव दल मौके पर, हर पल की जंग जारी
प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए राहत और बचाव दल को मौके पर रवाना किया. लापता लोगों की तलाश के लिए सघन सर्च ऑपरेशन चल रहा है. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अब तक तीन शव बरामद किए जा चुके हैं, और बाकी की तलाश जारी है.
घटना के बाद क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा है और संपत्तियां बर्बाद हो चुकी हैं. प्रभावित परिवारों का जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.
अफवाहों से बचें, सुरक्षित स्थानों पर रहें
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, अफवाहों से दूर रहें और जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में न आ जाए, सुरक्षित स्थानों पर रहें. पीड़ित परिवारों को तुरंत राहत सामग्री और अस्थायी ठिकाने उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
प्रकृति की चेतावनी या लापरवाही की कीमत?
राजगढ़ की इस त्रासदी ने एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन कितनी तेजी से हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं. सवाल यह भी उठता है कि क्या हम ऐसे हादसों के लिए वाकई तैयार हैं? या फिर हर बार तबाही के बाद ही जागते हैं?
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