हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने केवल सुरक्षा खतरे के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे “इकनॉमिक वारफेयर” यानी आर्थिक युद्ध के तौर पर भी परिभाषित किया. उनका मानना है कि पाकिस्तान ने इस हमले के जरिए कश्मीर के तेजी से बढ़ते पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाने की सोची, जिससे क्षेत्र में हो रही आर्थिक प्रगति और स्थिरता को बदस्तूर रखा जा सके.
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि कश्मीर की आर्थिक समृद्धि का सबसे बड़ा स्तंभ पर्यटन है और आतंकी संगठन इसी स्तंभ को निशाना बनाकर वहां के माहौल को अस्थिर करना चाहते हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक आधार पर लोगों को मारना सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की सोची-समझी साजिश है. अब सवाल उठता है. आखिर इकनॉमिक वारफेयर क्या है, और इसे किस तरह से अपनाया जाता है? आइए जानते हैं.
इकनॉमिक वारफेयर: बिना हथियारों का युद्ध
इकनॉमिक वारफेयर वह रणनीति है जिसमें सीधे सैन्य हमले की जगह आर्थिक साधनों से दुश्मन की ताकत कम करने की कोशिश की जाती है. इसका मकसद होता है किसी देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना, अस्थिर बनाना या उसे आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाना. यह युद्ध की एक ऐसी पद्धति है जिसमें बंदूक या बम का प्रयोग नहीं होता, बल्कि व्यापार, वित्तीय लेन-देन, संसाधनों की आपूर्ति और निवेश को निशाना बनाया जाता है.
उदाहरण के तौर पर अमेरिका ने रूस, ईरान, क्यूबा और वेनेजुएला जैसे देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जो इकनॉमिक वारफेयर की श्रेणी में आते हैं. इन प्रतिबंधों के जरिये इन देशों की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं, जिससे वहां के लोग डर और अस्थिरता का शिकार होते हैं.
इकनॉमिक वारफेयर के प्रमुख हथकंडे
व्यापार और वित्तीय प्रतिबंध: किसी देश के व्यापार, निवेश या वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाना. जैसे रूस पर अमेरिका-यूरोप के प्रतिबंध. आयात-निर्यात में बाधा: देश की आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए उसके आयात-निर्यात पर रोक लगाना. मुद्रा को जानबूझकर कमजोर करना: अपनी मुद्रा को सस्ता करके दूसरे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना. विदेशी संपत्तियों को फ्रीज करना किसी देश के नेताओं या संस्थाओं की विदेशी संपत्तियों को सील करना.
वित्तीय नेटवर्क और शेयर बाजार पर हमले बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम पर साइबर या अन्य हमले कर आर्थिक प्रणाली को हिलाना. सप्लाई चेन बाधित करना: तेल, गैस, और अन्य जरूरी संसाधनों की आपूर्ति रोकना. आर्थिक प्रचार-प्रसार (प्रोपेगेंडा): झूठी खबरें और अफवाहें फैलाकर आर्थिक माहौल खराब करना, जैसे शेयर बाजार के गिरने की अफवाहें.
पहलगाम हमला: इकनॉमिक वारफेयर का नया उदाहरण
विदेश मंत्री जयशंकर ने पहलगाम हमले को इसी नजरिए से देखा. पहलगाम जो कश्मीर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, वहां हुए हमले का मकसद था पर्यटकों में डर पैदा कर आर्थिक गतिविधियों को रोकना. इस प्रकार आतंकवादियों ने सीधे तौर पर हथियारों से नहीं, बल्कि आतंक और डर के जरिए कश्मीर की आर्थिक प्रगति को बाधित करने की कोशिश की है.
यह भी पढ़ें: PM मोदी की 5 देशों की विदेश यात्रा, क्यों हो रही त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद में रखी इस कुर्सी की चर्चा?