पहलगाम पर जिस SCO ने साधी चुप्पी, उसी मंच से दहाड़े जयशंकर, बोले- फिर ऐसा हुआ तो बर्बाद कर देंगे

    शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख को दोहराया.

    Jaishankar challenged China and Pakistan from the SCO meeting
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    बीजिंग: शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख को दोहराया. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न सिर्फ निर्दोष लोगों की जान लेने वाला था, बल्कि उसका मकसद भारत की अर्थव्यवस्था, पर्यटन, और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाना था.

    जयशंकर ने कहा, "SCO की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी बुराइयों से लड़ने के लिए की गई थी. ये तीनों अक्सर एक साथ दिखते हैं, और हाल का पहलगाम हमला इसका ताजा उदाहरण है. हमें सिर्फ निंदा नहीं, ठोस कार्रवाई करनी होगी."

    भारत की चिंता, SCO की जिम्मेदारी

    जयशंकर ने यह बात चीन और पाकिस्तान सहित SCO के सभी सदस्य देशों के सामने रखी. उन्होंने इस हमले को भारत के सांस्कृतिक सौहार्द और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर हमला बताते हुए कहा कि यह केवल एक सुरक्षा मुद्दा नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और आर्थिक चुनौती है.

    उन्होंने ज़ोर दिया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि इसके ज़िम्मेदारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. जयशंकर ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन की भूमिका पर सवाल उठाया, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होते हुए भी अक्सर वैश्विक आतंकवाद से जुड़े मामलों पर ‘दोहरा रवैया’ अपनाता रहा है.

    आतंक के खिलाफ साझा रणनीति की ज़रूरत

    भारत के विदेश मंत्री ने SCO मंच से तीन ठोस सुझाव दिए:

    कॉमन टेरर फाइनेंसिंग वॉच-लिस्ट: सभी सदस्य देश एक साझा निगरानी सूची तैयार करें और आतंक वित्तपोषण से जुड़ी जानकारियों को अनिवार्य रूप से साझा करें.

    सेंट्रलाइज्ड साइबर हब: आतंकी समूह आजकल क्रिप्टोकरेंसी और डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए एक केंद्रीकृत साइबर निगरानी केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए.

    आतंकवाद के बहुआयामी प्रभाव की पहचान: पहलगाम जैसी घटनाएं यह बताती हैं कि आतंकवाद केवल सुरक्षा का नहीं, पर्यटन, आजीविका और सांस्कृतिक एकता का भी मुद्दा है.

    कार्रवाई जरूरी, न कि सिर्फ बयानबाज़ी

    यह पहली बार नहीं है जब भारत ने SCO जैसे मंच पर आतंकवाद पर तीव्र प्रतिक्रिया दी हो. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक बैठक में SCO के जॉइंट डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसमें पहलगाम हमले का कोई ज़िक्र नहीं था.

    अब जब विदेश मंत्री जयशंकर को उसी मंच पर बोलने का अवसर मिला, तो उन्होंने भारत की चिंताओं को साफ शब्दों में दोहराया — और यह संकेत दिया कि यदि ऐसे हमले दोहराए जाते हैं, तो भारत मूकदर्शक नहीं बना रहेगा.

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