ISRO की बड़ी प्लानिंग, मंगल ग्रह पर बसाएगा मानव बस्ती; जानें कबतक पूरा होगा मिशन

    ISRO Mission: अब वो दौर दूर नहीं जब आप अपने घर की खिड़की से धरती नहीं, बल्कि मंगल का सूरज देखेंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की नई उड़ान का खाका तैयार कर लिया है, एक ऐसा भविष्य जहां इंसान चांद पर बसेरा करेगा, मंगल पर 3डी प्रिंटेड घरों में रहेगा और अंतरिक्ष की गहराइयों में मानव सभ्यता के लिए नया ठिकाना ढूंढा जाएगा.

    ISRO has a big plan will establish human settlement on Mars know the mission
    Image Source: Social Media

    ISRO Mission: अब वो दौर दूर नहीं जब आप अपने घर की खिड़की से धरती नहीं, बल्कि मंगल का सूरज देखेंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की नई उड़ान का खाका तैयार कर लिया है, एक ऐसा भविष्य जहां इंसान चांद पर बसेरा करेगा, मंगल पर 3डी प्रिंटेड घरों में रहेगा और अंतरिक्ष की गहराइयों में मानव सभ्यता के लिए नया ठिकाना ढूंढा जाएगा.

    राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर जारी की गई इसरो की दीर्घकालिक योजना में आने वाले चार दशकों तक भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनाने की रणनीति बनाई गई है. इस योजना के तहत चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशन, अंतरिक्ष खनन, अंतरिक्ष स्टेशन और ईंधन भंडारण जैसी परियोजनाएं शामिल हैं.

    2047 तक चांद पर ‘भारतीय’ ठिकाना

    इसरो की योजना है कि 2047 तक चांद पर एक ऐसा इंसानी बेस तैयार किया जाए जहां रहना संभव हो, संसाधनों की खुदाई की जा सके और सतह पर वाहन चल सकें. चंद्रमा पर ईंधन भंडारण की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि भविष्य में वहां से अन्य ग्रहों की यात्राएं आसान हो सकें.

    लद्दाख बना ‘मिनी मंगल’, शुरू हुआ परीक्षण

    चांद और मंगल की सतह जैसे माहौल का अनुभव देने के लिए इसरो ने लद्दाख के त्सो कर घाटी में HOPE (Himalayan Outpost for Planetary Exploration) की स्थापना की है. समुद्र तल से 4530 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान अत्यधिक ठंड और कम ऑक्सीजन वाले वातावरण के कारण अंतरिक्ष मिशनों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. हाल ही में यहां 10 दिनों का हाई एल्टीट्यूड एनालॉग मिशन भी संपन्न हुआ, जहां भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों ने जीवन-रक्षक तकनीकों का परीक्षण किया.

    ‘गगन से आगे ब्रह्मांड की खोज’

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की दीर्घकालिक योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं. 2025 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय यात्री को भेजने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों से गहरे अंतरिक्ष की खोज में मानवता के हितों को प्राथमिकता देने की अपील की है.

    मंगल पर होगी पहली मानव बस्ती: एलन मस्क

    इसरो की इन योजनाओं के समानांतर, स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क भी मंगल पर मानव सभ्यता बसाने की दिशा में काम कर रहे हैं. उनका दावा है कि अगले 30 वर्षों में मंगल पर इंसानी सभ्यता की नींव रखी जा सकती है, पांच साल में बिना चालक वाला मिशन, दस साल में मानवयुक्त लैंडिंग और बीस वर्षों में बस्ती की शुरुआत.

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