गाज़ा पट्टी में जारी संघर्ष के बीच इज़रायल ने अब निर्णायक कार्रवाई का संकेत दे दिया है. हमास के खिलाफ चल रही सैन्य कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए "ऑपरेशन गिदोन चैरियट-II" की शुरुआत की गई है. इस ऑपरेशन का मकसद न सिर्फ हमास की पूरी तरह समाप्ति है, बल्कि गाज़ा शहर पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना भी है.
इज़रायली रक्षा मंत्री योव गैलांत ने इस मिशन को हरी झंडी दे दी है और इसके तहत 60,000 रिजर्व सैनिकों को सक्रिय किया जा रहा है, जो पहले से तैनात 70,000 सक्रिय सैनिकों के साथ मिलकर गाज़ा में घेराबंदी और हमले की कार्रवाई को अंजाम देंगे.
गाज़ा के रणनीतिक कब्जे की योजना
इज़रायल डिफेंस फोर्स (IDF) की योजना के अनुसार, गाज़ा शहर के भीतर और आसपास के उन क्षेत्रों को टारगेट किया जाएगा, जहां हमास के लड़ाकों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. गाज़ा शहर की घेराबंदी करते हुए IDF पूरे इलाके को चक्रव्यूह की तरह घेरेगी और अंदर तक प्रवेश करेगी. इस दौरान भारी सैन्य बल, टैंकों और हथियारबंद वाहनों की तैनाती की जा रही है. नागरिकों को हमले से पहले गाज़ा पट्टी के दक्षिणी हिस्सों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि सैन्य कार्रवाई के दौरान आम जन को नुकसान न पहुंचे.
ऑपरेशन का सैन्य स्वरूप
3 रिजर्व ब्रिगेड और 2 अतिरिक्त बटालियन इस मिशन में अग्रिम मोर्चे पर तैनात होंगी. ऑपरेशन में IDF के पांचों मुख्य डिवीजन हिस्सा लेंगे. पहले चरण में सीमावर्ती क्षेत्रों की घेराबंदी होगी और फिर भीतरी इलाकों में प्रवेश कर साफ-सफाई अभियान चलाया जाएगा. यह मिशन पहले शुरू किए गए गिदोन चैरियट ऑपरेशन का विस्तार है, जो हमास की जड़ें खत्म करने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है.
2026 तक जारी रह सकती है कार्रवाई
IDF के अधिकारियों ने इशारा दिया है कि यह युद्ध कम से कम 2026 तक खिंच सकता है. ज़रूरत पड़ने पर अगले चरणों में और रिजर्व सैनिकों की तैनाती की जा सकती है. नवंबर और फरवरी में नई टुकड़ियां बुलाने की योजना तैयार है. माना जा रहा है कि इस पूरी लड़ाई में इज़रायल को करीब 4 लाख सैनिकों की आवश्यकता पड़ेगी.
नेतन्याहू की अगुवाई में हो रही समीक्षा
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गुरुवार को इस ऑपरेशन की समीक्षा बैठक करने वाले हैं, जिसमें राजनीतिक और सैन्य शीर्ष अधिकारी भाग लेंगे. इस बैठक में अभियान की आगे की रणनीति, अंतरराष्ट्रीय दबाव से निपटने की तैयारी और मानवीय पहलुओं पर भी चर्चा होनी है.
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