'पूरी दुनिया के मुसलमानों को उकसा रहा इजरायल...', नेतन्याहू पर क्यों भड़का कतर? जानिए पूरा मामला

    इजरायल इब्राहिमी मस्जिद पर कब्जा करने की योजना बना रहा है, जिसे लेकर कतर ने गंभीर चिंता व्यक्त की है.

    Israel provoking Muslims Qatar angry at Netanyahu
    नेतन्याहू | Photo: ANI

    इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष दशकों से जारी है, और हाल ही में यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है. गाजा में लगभग दो साल से हमास और इजरायल के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है, जिससे न केवल गाजा बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अस्थिरता आ गई है. अब चर्चा है कि इजरायल इब्राहिमी मस्जिद पर कब्जा करने की योजना बना रहा है, जिसे लेकर कतर ने गंभीर चिंता व्यक्त की है.

    कतर ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इजरायल की योजना को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया है. कतर के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए इस कदम की आलोचना की.

    इजरायल की योजना पर कतर की प्रतिक्रिया

    कतर ने इजरायल के कदम को न केवल घातक बल्कि धार्मिक उकसावा भी बताया. कतर का कहना है कि इजरायल की योजना इब्राहिमी मस्जिद का प्रशासन और नियंत्रण फिलिस्तीनी धर्मस्व मंत्रालय और हेब्रोन नगर पालिका से छीनकर यहूदी धार्मिक परिषद को सौंपने की है. कतर ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन बताया है और इसे दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खतरा मानते हुए इस कदम की निंदा की है. कतर ने यह भी कहा कि वह फिलिस्तीनी पवित्र स्थलों की यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार करता है.

    इब्राहिमी मस्जिद का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

    इब्राहिमी मस्जिद हेब्रोन शहर में स्थित है और इसे मुस्लिमों के लिए तीसरे सबसे पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है. यह स्थल इब्राहीम अलैहिस्सलाम (अब्राहम) के नाम पर बना है, जिन्हें यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों द्वारा पूजनीय माना जाता है. मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक संवेदनशीलता इसे एक अंतरराष्ट्रीय विवाद का केंद्र बना देती है.

    इजरायल की योजना के अनुसार, हेब्रोन शहर के शुहादा स्ट्रीट के बाजार क्षेत्र को नष्ट करके यहां इजरायली बस्ती को बसाया जाएगा. यह पूरी योजना फिलिस्तीनी प्राधिकरण और इस्लामिक वक्फ की भूमि पर कब्जा करने की एक चालू कोशिश का हिस्सा है.

    इजरायल की अवैध बस्ती और सैन्य नियंत्रण

    हेब्रोन के मध्य में इजरायल की एक अवैध बस्ती है, जहां करीब 800 इजरायली नागरिक भारी सैन्य सुरक्षा में रहते हैं. इन नागरिकों को इजरायल की सेना द्वारा पूरी सुरक्षा दी जाती है, जिससे वहां के फिलिस्तीनियों का जीवन और भी कठिन हो जाता है. यह बस्ती फिलिस्तीनी लोगों की ज़िंदगी पर एक भारी दबाव बना रही है, और अब इजरायल की योजनाओं से यह साफ है कि वहां सैन्य और प्रशासनिक कब्जा मजबूत किया जाएगा.

    कतर का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह

    कतर का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब एकजुट होकर फिलिस्तीनी धार्मिक पवित्र स्थलों की रक्षा करनी चाहिए और इजरायल पर दबाव डालकर फिलिस्तीनी लोगों की पहचान मिटाने की कोशिशों को रोकना चाहिए. कतर ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाएं और इजरायल की नीतियों के खिलाफ उचित कदम उठाए.

    अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर असर

    इजरायल और फिलिस्तीन के बीच इस संघर्ष का असर न केवल मध्य पूर्व बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी पड़ रहा है. फिलिस्तीन के धार्मिक स्थलों पर कब्जे की कोशिशों से न केवल धार्मिक तनाव बढ़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर भी भारी दबाव डाला जाएगा.

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