इज़रायली सेना द्वारा गाज़ा में तेज़ हुए जमीनी हमलों के बीच हालात और अधिक गंभीर हो गए हैं. लगातार हो रही मौतें, भुखमरी और तबाही के चलते गाज़ा एक मानवीय त्रासदी के मुहाने पर खड़ा है. इसी बीच इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिए हैं कि वे बंधकों की रिहाई की स्थिति में अस्थायी युद्धविराम पर विचार कर सकते हैं. यह बयान अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच सामने आया है, जहां इज़रायल पर सैन्य हमले रोकने की मांग तेज़ हो रही है.
नेतन्याहू ने कहा – बंधकों की वापसी के लिए ‘विराम’ संभव
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 20 से अधिक बंधक अभी भी जीवित माने जा रहे हैं, और अगर उनकी सुरक्षित रिहाई की कोई गुंजाइश बनती है तो इज़रायल सीमित समय के लिए संघर्षविराम पर सहमत हो सकता है. हालांकि उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि “गाज़ा पर पूर्ण नियंत्रण” इज़रायली सेना का अंतिम लक्ष्य बना रहेगा.
राजनयिकों पर गोलीबारी से उपजा नया विवाद
इसी बीच, वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल पर इज़रायली सैनिकों द्वारा की गई फायरिंग ने एक नया कूटनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. जानकारी के अनुसार, यह प्रतिनिधिमंडल जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए आया था, लेकिन वे कथित रूप से एक “संवेदनशील क्षेत्र” में घुस गए. इज़रायली सेना ने दावा किया कि गोली चेतावनी के तौर पर चलाई गई थी और किसी को नुकसान नहीं पहुंचा. फिर भी, यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और जांच की मांग की है.
गाज़ा में मानवीय संकट गहराया
गाज़ा में हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. रातभर चले हवाई हमलों में कम से कम 19 लोगों की जान गई, जिसमें एक सप्ताह का नवजात भी शामिल है. मानवीय संगठनों का कहना है कि हाल ही में खोला गया केरम शालोम क्रॉसिंग पर्याप्त राहत नहीं पहुंचा पा रहा. यूएन ने बताया कि सुरक्षा कारणों से अधिकांश राहत सामग्री वितरण केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रही है. ‘गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’, जो अमेरिका द्वारा समर्थित है, 300 मिलियन भोजन देने का दावा कर रही है, मगर संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रमुख संस्थाएं इससे दूरी बनाए हुए हैं.
आंकड़े जो झकझोरते हैं
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 18 मार्च के बाद से अब तक 3509 नई मौतें दर्ज हुई हैं. कुल मौतों की संख्या 53,655 से पार जा चुकी है. इज़रायल की ओर से इन हमलों का कारण हमास को बताया गया है, जिसने 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल पर हमला कर 1200 से अधिक लोगों की हत्या की थी और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश में भी होगा तख्तापलट? सेना ने युनूस को दी सख्त चेतावनी; अंतरिम सरकार को हड़काया