इजरायल-ईरान में फिर सुलगेगी युद्ध की आग? ईरानी कमांडर ने सऊदी के रक्षा मंत्री से कहा - सीजफायर तोड़ सकता है यहूदी देश

    Iran-Israel Tension: मध्य पूर्व एक बार फिर अशांत भविष्य की ओर बढ़ता दिख रहा है. हाल ही में हुए संघर्ष के बाद जहां इज़रायल और ईरान के बीच सीजफायर लागू है, वहीं ईरान के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने इस समझौते की स्थिरता पर सवाल उठाए हैं.

    israel may break ceasefire Iranian commander told Saudi Defense Minister
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    Iran-Israel Tension: मध्य पूर्व एक बार फिर अशांत भविष्य की ओर बढ़ता दिख रहा है. हाल ही में हुए संघर्ष के बाद जहां इज़रायल और ईरान के बीच सीजफायर लागू है, वहीं ईरान के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने इस समझौते की स्थिरता पर सवाल उठाए हैं. ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्म्ड फोर्सेज, अब्दुल रहीम मौसवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि इज़रायल फिर से आक्रामकता दिखाता है, तो ईरान की सेना भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है.

    सऊदी रक्षा मंत्री से बातचीत में दी चेतावनी

    ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी तस्नीम के अनुसार, जनरल मौसवी ने सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान से बातचीत के दौरान इज़रायल की मंशा पर शंका जाहिर की. उनका कहना था, “हमें इज़रायल की ओर से संघर्ष विराम का पालन करने को लेकर भरोसा नहीं है. इतिहास गवाह है कि यहूदी देश अक्सर वादों से पीछे हटता आया है. अगर ऐसा हुआ, तो हमारी सेना पूरी क्षमता के साथ प्रतिक्रिया देगी.”

    "हमने शांति चाही, लेकिन जवाब देना भी जानते हैं"

    मौसवी ने जोर देकर कहा कि ईरान का लक्ष्य हमेशा क्षेत्र में शांति बनाए रखना रहा है. उन्होंने कहा, “हालिया संघर्ष की शुरुआत ईरान ने नहीं की. इज़रायल ने अचानक हमला कर हालात बिगाड़े, और हमने मजबूरी में जवाब दिया. लेकिन अगर भविष्य में हमारी भूमि पर कोई हमला होता है, तो ईरान उसका कड़ा और निर्णायक जवाब देगा.”

    13 से 24 जून के बीच भड़का था गंभीर संघर्ष

    यह बयान ऐसे समय आया है जब 13 से 24 जून के बीच ईरान और इज़रायल के बीच हुए टकराव में कई सैनिकों और आम नागरिकों की जान गई थी. इज़रायल ने 13 जून को ईरान पर बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें ईरानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. इसके बाद ईरान ने भी इज़रायल के कई शहरों पर मिसाइलें दागकर जवाबी हमला किया.

    युद्ध में अमेरिका की एंट्री

    लड़ाई के दस दिन बाद अमेरिका ने भी इसमें हस्तक्षेप किया. 22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन मुख्य सैन्य ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराए. लेकिन दो दिन बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता प्रयासों के चलते दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हुआ.

    क्या फिर भड़केगा संघर्ष?

    जनरल मौसवी के ताज़ा बयान से साफ है कि सीजफायर बेहद नाजुक मोड़ पर है. इज़रायल की किसी भी आक्रामक कार्रवाई पर ईरान जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार बैठा है. ऐसे में आने वाले दिन मध्य पूर्व की राजनीति और शांति प्रयासों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं.

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