दक्षिण लेबनान पर इजरायल का जबरदस्त हमला, पांच की मौत; निशाने पर था हमास

    Israel Attack On South Lebanon: दक्षिण लेबनान में रविवार को हुए इस्राइली ड्रोन हमले में एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों समेत पांच लोगों की जान चली गई. इस दुखद घटना की पुष्टि लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है.

    Israel massive attack on South Lebanon kills five Hamas was the target
    Image Source: ANI

    Israel Attack On South Lebanon: दक्षिण लेबनान में रविवार को हुए इस्राइली ड्रोन हमले में एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों समेत पांच लोगों की जान चली गई. इस दुखद घटना की पुष्टि लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है. मृतकों में बच्चों के पिता भी शामिल हैं, जिनके पास अमेरिकी नागरिकता थी. हमले में घायल दो अन्य लोगों में मृतक की पत्नी भी शामिल हैं. इस बीच, अमेरिकी दूतावास ने अब तक इस हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

    इस्राइली सेना (IDF) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उनका लक्ष्य हिज़्बुल्लाह का एक सक्रिय सदस्य था, जो जानबूझकर नागरिक आबादी के बीच छिपकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. IDF ने यह भी स्वीकार किया कि इस कार्रवाई में नागरिकों की मौत हुई है और मामले की समीक्षा की जाएगी. साथ ही सेना ने यह दोहराया कि वह इस्राइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिज़्बुल्लाह के आतंकी नेटवर्क को निष्क्रिय करने की अपनी कार्रवाई जारी रखेगी.

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर लेबनान की आवाज

    लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन, जो इन दिनों न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लेने गए हैं, उन्होंने इस हमले की तीखी निंदा की है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की कि इस्राइल पर दबाव डाला जाए ताकि वह ऐसे हमले तुरंत रोके. राष्ट्रपति औन ने कहा, “हमारे बच्चों के खून पर कोई शांति नहीं टिक सकती.”

    वहीं लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम ने भी इस कार्रवाई को “डराने और दबाने की साजिश” करार दिया. उन्होंने कहा कि यह हमला उन लोगों को फिर से खौफ में डालने की कोशिश है जो हाल में दक्षिणी इलाकों में लौटे हैं. उन्होंने इस्राइल से हमले रोकने, कब्जा समाप्त करने और कैदियों को रिहा करने की मांग की.

    हिज़्बुल्लाह का जवाब, हम नहीं झुकेंगे

    इस हमले के बाद हिज़्बुल्लाह की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. संगठन के वरिष्ठ नेता हसन फदल्लाह ने कहा कि इस्राइल की ये सैन्य कार्रवाइयाँ उन्हें अपने रुख से पीछे हटने के लिए मजबूर नहीं कर सकतीं. उन्होंने दोहराया कि हिज़्बुल्लाह हथियार नहीं डालेगा और “दुश्मन के हर हमले के खिलाफ हमारा संकल्प और मजबूत होगा.”

    तनावपूर्ण सीमा, टूटी उम्मीदें

    गौरतलब है कि नवंबर में अमेरिका की मध्यस्थता से एक अस्थायी संघर्षविराम हुआ था, जिसके तहत दोनों पक्षों को पीछे हटना था. लेकिन इस्राइली सेना अब भी सीमा पर स्थित पांच लेबनानी चौकियों पर काबिज है और आए दिन हवाई हमले कर रही है. वहीं हिज़्बुल्लाह भी प्रतिरोध की भाषा में जवाब देता रहा है, जिससे इलाके में स्थायी शांति की संभावनाएं लगातार धूमिल हो रही हैं.

    शांति की राह मुश्किल

    दक्षिण लेबनान में मासूमों की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि इस लंबे संघर्ष का अंत कब और कैसे होगा? क्या कूटनीति और वार्ता की जगह हमेशा युद्ध और बल प्रयोग ही लेंगे? जब बच्चे बारूद की चपेट में आ जाएं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि संघर्ष की आग ने मानवता की सीमाएं लांघ दी हैं.

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