हूतियों की मिसाइल को नहीं रोक पाया इजरायल का एयर डिफेंस, क्यों फेल हो गए आयरन डोम और ऐरो-3 सिस्टम?

    यमन स्थित हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इजरायल की रक्षा प्रणाली को चकमा देते हुए मध्य इजरायल तक पहुंच गई, जिससे सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता में हड़कंप मच गया.

    Israel air defense could not stop the Houthi missile
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    तेल अवीव: यमन स्थित हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इजरायल की रक्षा प्रणाली को चकमा देते हुए मध्य इजरायल तक पहुंच गई, जिससे सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता में हड़कंप मच गया. हालाँकि मिसाइल हवा में ही टूट गई और इसके टुकड़े तेल अवीव के पास स्थित बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट गिरे, जिससे किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई.

    इजरायली सेना (IDF) और आपातकालीन सेवाओं ने जानकारी दी कि मिसाइल के टुकड़े जमीन पर गिरने के बाद धमाके जैसी आवाजें सुनी गईं. इसके बाद तेल अवीव, पश्चिम यरुशलम और आसपास के क्षेत्रों में सायरन बजने लगे और नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई. अलर्ट मिलते ही लोगों के मोबाइल फोनों पर भी चेतावनी संदेश भेजे गए और हजारों लोगों ने सुरक्षित स्थानों की ओर रुख किया.

    एयर डिफेंस प्रणाली पर उठे सवाल

    इजरायल की हाई-टेक एयर डिफेंस तकनीक, विशेषकर "आयरन डोम" और "ऐरो-3" सिस्टम, अब तक कई बार मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने में सफल रहे हैं. लेकिन इस बार मिसाइल के कुछ हिस्से सुरक्षित क्षेत्रों तक पहुंचने में सफल रहे, जिससे इन प्रणालियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. हालांकि सेना ने यह स्पष्ट किया है कि मिसाइल को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया गया था, पर यह घटना इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है.

    इजरायली हमले का जवाब था हूती मिसाइल

    इस हमले से कुछ ही घंटे पहले इजरायल ने यमन की राजधानी सना में एक हवाई हमला किया था, जो हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ऊर्जा केंद्रों को निशाना बनाकर किया गया था. इसके जवाब में हूती समूह ने दावा किया कि उन्होंने बेन गुरियन हवाई अड्डे और अन्य सैन्य ठिकानों को "हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल" और ड्रोन से निशाना बनाया.

    यह हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश भी माना जा रहा है कि यमन में सक्रिय हूती समूह इजरायल के भीतर गहराई तक हमले करने में सक्षम हैं, और वह भी ऐसे समय में जब इजरायल पहले से गाजा, लेबनान और सीरिया की सीमाओं पर सक्रिय संघर्ष में उलझा हुआ है.

    हाल के दिनों में लगातार बढ़े हूती हमले

    नवंबर 2024 से ही हूती विद्रोही इजरायली हितों को निशाना बना रहे हैं, जिनमें रेड सी में चलने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर हमले भी शामिल हैं. इन हमलों के पीछे हूतियों का उद्देश्य गाजा पट्टी में चल रहे इजरायली सैन्य अभियानों का विरोध और फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता दिखाना बताया जा रहा है.

    इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हूती नियंत्रित इलाकों- सना, होदेइदाह बंदरगाह और अन्य क्षेत्रों में कई हवाई हमले किए हैं. इन हमलों से हूती ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा है, लेकिन विद्रोही समूह अपनी मिसाइल और ड्रोन क्षमताओं के ज़रिए लगातार जवाबी हमले करता जा रहा है.

    ये भी पढ़ें- गाजा में तबाही मचा रहे नेतन्याहू, फिर मुस्लिम देश क्यों नहीं करते इजरायल पर हमला, क्या है डर की वजह?