मिडिल ईस्ट में एक और बड़ा सैन्य संकट तेजी से गहराता जा रहा है. इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते टकराव ने क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा दिया है. अब इस संघर्ष में इराक भी खुलकर सामने आ गया है, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के प्रति बेहद कड़ा रुख अपनाया है. पूरे घटनाक्रम का असर वैश्विक राजनीति, तेल बाजार और विमानन क्षेत्र पर भी साफ दिखने लगा है.
यहाँ इस पूरे विवाद से जुड़ी पांच प्रमुख घटनाएं:
1. इराक ने इजरायल के खिलाफ UNSC में की शिकायत
इराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इजरायल के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है. बगदाद ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने ईरान पर हवाई हमलों के दौरान इराक के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है. इराक का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता के खिलाफ गंभीर कदम है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाना चाहिए. इराकी विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर त्वरित वैश्विक हस्तक्षेप की मांग की है.
2. समझौता करो या परिणाम भुगतो- ट्रंप का संदेश
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सीधी चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा, "ईरान के पास अब भी बातचीत का मौका है, लेकिन अगर वह नहीं माने तो परिणाम और भी घातक होंगे." ट्रंप ने यह भी दावा किया कि इजरायल के सैन्य ऑपरेशन की उन्हें पहले से जानकारी थी और उन्होंने इसे "मानवता के लिए एक जरूरी कदम" बताया. ट्रंप का यह बयान अमेरिका और इजरायल के बीच समन्वय की ओर इशारा करता है.
3. इजरायल ने 200 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया
इजरायल ने बीते 24 घंटे में अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई की है. 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल मोहम्मद बाघेरी और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी की मृत्यु हो गई है. इसके अलावा, नतांज परमाणु संयंत्र से जुड़े कम से कम छह वैज्ञानिकों की मौत की भी पुष्टि हुई है. इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, "यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती."
4. ईरान ने हमले को खुला युद्ध करार दिया
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने इस हमले को "खुला युद्ध" करार दिया है और चेतावनी दी है कि ईरान का पलटवार "किसी सीमा में नहीं बंधा" होगा. ईरान के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि इस बार प्रतिक्रिया बेहद व्यापक और निर्णायक होगी. तेहरान में लगातार हो रहे हवाई हमलों के कारण नागरिकों के बीच भय का माहौल है और कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है.
5. मिडिल ईस्ट में हाई अलर्ट, तेल सेक्टर प्रभावित
पूरे मिडिल ईस्ट में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. जॉर्डन ने इजरायल की ओर दागे गए मिसाइलों और ड्रोन को अपनी सीमा में मार गिराया है. ईरान, इराक, सीरिया, लेबनान और जॉर्डन में व्यावसायिक उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं. खाड़ी देशों की कई प्रमुख एयरलाइंस ने क्षेत्रीय उड़ानें रोक दी हैं. इसके साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ उछाल दर्ज किया गया है और तेहरान समेत कई ईरानी शहरों में पेट्रोल स्टेशनों पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं.
ये भी पढ़ें- पहले पाकिस्तान, अब ईरान... इस मिसाइल से तबाह हुए दोनों के एयर डिफेंस, दिखा भारत-इजराइल दोस्ती का असर