ईरान ने हाल ही में अपने सैन्य रणनीतिक ढांचे को लेकर बड़ा खुलासा किया है. देश के रक्षा मंत्री अजीज नासिरजादेह ने यह दावा किया है कि ईरान ने अलग-अलग देशों में अपने हथियारों के कारखाने और सैन्य बुनियादी ढांचे तैयार किए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन ठिकानों की जानकारी दुनिया के सामने लाई जाएगी. यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजराइल के बीच जून में घमासान युद्ध हुआ था.
माना जा रहा है कि ईरान ने ये सैन्य ठिकाने सीरिया, लेबनान, इराक और यमन जैसे देशों में बनाए हैं. नासिरजादेह ने कहा कि इजराइल के साथ हुए 12 दिन के युद्ध ने हमारी सुरक्षा नीतियों को पूरी तरह से बदल दिया है. अब हमारी प्राथमिकता केवल मिसाइल प्रणाली नहीं रह गई है, बल्कि हमने अपने हथियारों को अधिक आधुनिक और घातक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है.
इजराइल ने उनके कार्यालयों को बनाया था निशाना
ईरानी रक्षा मंत्री ने बताया कि युद्ध के दौरान इजराइल ने उनके कार्यालय को भी निशाना बनाया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर यह युद्ध तीन दिन और लंबा खिंचता, तो इजराइल ईरानी मिसाइलों का सामना नहीं कर पाता. उनके अनुसार, युद्ध के आखिरी दिनों में ईरान की मिसाइलों को इजराइली रक्षा प्रणाली नहीं रोक पा रही थी. यही कारण था कि इजराइल को अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम के लिए मजबूर होना पड़ा.
ईरान ने इस युद्ध में अपनी कुछ विशेष क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं किया. नासिरजादेह ने बताया कि देश ने अपनी मीडियम रेंज की "हाईटेट कासिम बसीर" बैलिस्टिक मिसाइल को जानबूझकर इस्तेमाल नहीं किया, जिसकी मारक क्षमता 1200 किलोमीटर तक है. उन्होंने यह टिप्पणी ओमान के साथ हुई सैन्य अभ्यास के बाद दी, जो युद्ध के बाद ईरान का पहला सैन्य अभ्यास था. इस दौरान ईरानी नौसेना ने ओमान की खाड़ी और उत्तरी हिंद महासागर में क्रूज मिसाइलों का परीक्षण भी किया.
इजराइल-ईरान युद्ध: एक नजर में
13 जून को इजराइल ने ईरान के कई सैन्य अड्डों और परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले किए, जिनमें ईरानी सेना के शीर्ष अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए. जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए इजराइल पर पलटवार किया, जिसमें कई नागरिकों की जान गई. इसके बाद 24 जून को दोनों देशों के बीच युद्धविराम लागू हुआ.
क्या है ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’?
‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ एक अनौपचारिक गठबंधन है जिसे ईरान ने खाड़ी क्षेत्र में अपनी सैन्य और राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए तैयार किया है. यह गठबंधन पश्चिमी देशों और इजराइल के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है. इसमें सीरिया, लेबनान, इराक, यमन और फिलिस्तीन के विभिन्न उग्रवादी गुट शामिल हैं, जिनमें हिजबुल्लाह, हमास और हूती विद्रोही प्रमुख हैं.
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