अमेरिका और पश्चिमी देशों की सख्त सिविल एविएशन पाबंदियों के बावजूद ईरान ने अपनी विमानन क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश ने गोपनीय तरीके से पांच बोइंग 777-200ER विमान हासिल किए हैं, जो अब उसकी सिविल एविएशन फ्लीट का हिस्सा बन चुके हैं.
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण वह प्रत्यक्ष रूप से अंतरराष्ट्रीय विमान कंपनियों से कोई डील नहीं कर सकता. ऐसे में इस बार उसने मेडागास्कर में रजिस्टर्ड एक शेल कंपनी (कागज़ी कंपनी) का सहारा लिया. इस फर्जी कंपनी के नाम पर ईरान ने वे विमान खरीदे जो पहले सिंगापुर एयरलाइंस और नॉक्स्कूट जैसे ऑपरेटरों द्वारा इस्तेमाल किए जा चुके थे.
प्रतिबंधों को चकमा देकर की गई खरीद
इन विमानों को तब ऑस्ट्रेलिया और कंबोडिया में खड़ा रखा गया था, क्योंकि वे लंबे समय से निष्क्रिय थे. लेकिन जैसे ही सौदे की प्रक्रिया पूरी हुई, उन्हें मेडागास्कर की नागरिक विमानन रजिस्ट्री (5R) में दर्ज कर दिया गया, ताकि कानूनी रूप से वे अफ्रीकी देश के अंतर्गत ही दिखें.
अब ईरानी रनवे पर दौड़ेंगे नए विमान
जबकि कागजों पर ये विमान मेडागास्कर के हैं, वास्तव में वे अब ईरान में परिचालन के लिए तैयार हैं. माना जा रहा है कि इसका सबसे बड़ा फायदा माहान एयर को मिलेगा, जो ईरान की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन है. यह एयरलाइन अमेरिका और यूरोप की कई पाबंदियों के बावजूद मिडिल ईस्ट, एशिया और यूरोप के कई हिस्सों में पहले से उड़ानें संचालित करती रही है. अब बोइंग 777 जैसे लंबी दूरी के विमान उसके बेड़े में जुड़ने से उसका नेटवर्क और ज्यादा सशक्त हो जाएगा, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में और भी मजबूती से उतर सकेगी.
पर्यटन को बनाएगा छवि सुधार का जरिया
ईरान की योजना अब पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देकर अपनी वैश्विक छवि सुधारने की है. विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए देश को सीधे और लंबी दूरी की उड़ानों की जरूरत है. बोइंग 777 विमानों के जरिए अब ईरान यूरोप, खाड़ी देशों और मध्य एशिया से सीधी कनेक्टिविटी स्थापित करने की स्थिति में आ गया है.
नियमों के खिलाफ साहसिक दांव
यह कदम भले ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाता दिखे, लेकिन ईरान के लिए यह एक रणनीतिक सफलता भी है. उसने दिखा दिया है कि सख्त प्रतिबंधों के बीच भी वैकल्पिक रास्ते निकाले जा सकते हैं. अब देखना यह होगा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस कदम पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इसके बाद ईरान पर नई पाबंदियों की बौछार होती है या वह अपने विमानन विस्तार को बिना किसी रोकटोक के आगे बढ़ा पाता है.
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