लिस्बन: पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में रविवार को पाकिस्तानियों ने भारतीय दूतावास के सामने हंगामा किया. इसका जवाब देते हुए भारतीय अधिकारियों ने दूतावास के बाहर ऑपरेशन सिंदूर का बैनर लगा दिया. यह बैनर हाल ही में हुए एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के जवाब में लगाया गया था, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है’ का उल्लेख किया गया था.
दूतावास ने X पर पोस्ट करते हुए बैनर की तस्वीरें शेयर की हैं. सोशल मीडिया पर एक आधिकारिक पोस्ट में दूतावास ने लिखा है कि पाकिस्तानियों के कायरतापूर्ण विरोध प्रदर्शन का जवाब ऑपरेशन सिंदूर के बैनर के साथ दिया. सुरक्षा सुनिश्चित करने में पुर्तगाल सरकार और उसके पुलिस अधिकारियों को धन्यवाद.
Protests organised by Pakistan outside the Embassy were met with a silent yet strong and resolute message from our side “Operation Sindoor is not yet over”. All the Embassy officers were steadfast in this approach. @MEAIndia @indiandiplomats https://t.co/gl6U1kfBGk pic.twitter.com/o7cRm4oDI6
— Puneet Roy Kundal (@prkundal) May 18, 2025
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
भारत द्वारा 6-7 मई की रात को कथित रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया था. इसका उद्देश्य, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकी ठिकानों को निष्क्रिय करना बताया गया.
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत भारत ने सीमापार किए बिना आधुनिक हथियार प्रणालियों का प्रयोग करते हुए 9 आतंकी शिविरों को नष्ट किया.
भारत की ओर से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम, बराक-8, आकाशतीर और अन्य लो-लेवल डिफेंस तकनीकों का इस्तेमाल कर संभावित जवाबी हमलों को विफल किया गया.
बॉर्डर पार किए बिना ऑपरेशन
भारतीय सैन्य रणनीति में यह ऑपरेशन एक तकनीकी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसमें सीमा लांघे बिना लक्ष्यों को सटीकता से निशाना बनाया गया. इसके अतिरिक्त, भारत की एयर डिफेंस ने लगभग सभी पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोनों को बेअसर कर दिया.
भारत का कूटनीतिक अभियान
भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर वैश्विक मंचों पर अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए 7 उच्चस्तरीय डेलिगेशन भेजने की योजना बनाई है.
इन 59 सदस्यों के डेलिगेशन में 51 नेता और 8 वरिष्ठ राजनयिक शामिल हैं. यह दल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों सहित कई देशों का दौरा करेगा.
डेलिगेशन का नेतृत्व विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि कर रहे हैं, जिनमें भाजपा सांसद बैजयंत पांडा, कांग्रेस नेता शशि थरूर, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी की सुप्रिया सुले जैसे नाम शामिल हैं.
बिलावल भुट्टो को सौंपी जिम्मेदारी
इस बीच, पाकिस्तान ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह ज़िम्मेदारी सौंपी है कि वे वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का पक्ष रखें और क्षेत्र में शांति की आवश्यकता को रेखांकित करें.
बिलावल ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि यह जिम्मेदारी उन्हें गर्व और प्रतिबद्धता की भावना से भरती है.
ब्रिटेन में तनावपूर्ण पल
हाल ही में ब्रिटेन में भी भारत-पाक संबंधों को लेकर एक घटनाक्रम देखने को मिला. पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर भारतीय प्रदर्शनकारियों के समक्ष एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी द्वारा प्रतीकात्मक इशारों में ‘गला रेतने’ जैसी हरकत करने का आरोप लगा, जिसे भारतीय समुदाय ने अपमानजनक और उकसावे वाला माना.
इस अधिकारी के हाथ में ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान की तस्वीर थी, जिसमें 2019 की घटना का संदर्भ था. इस पर “चाय इज फैंटास्टिक” जैसा संदेश लिखा गया था, जो एक पुराने विवाद को पुनर्जीवित करता है.
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