भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए अपनी सैन्य क्षमता का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने दुश्मनों को साफ संदेश दे दिया कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना आसान नहीं. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना की निर्णायक भूमिका रही, जिसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. अब वायुसेना अपनी शक्ति को और बढ़ाने की तैयारी में है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में अतिरिक्त राफेल फाइटर जेट्स शामिल करने की मांग की है. यह कदम MRFA (मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) प्रोजेक्ट के तहत उठाया गया है, जिसके जरिए वायुसेना 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है. इसके लिए भारत और फ्रांस के बीच संभावित समझौते की संभावना जताई जा रही है.
मौजूदा ताकत और जरूरत
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 29 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि जरूरत 42 स्क्वाड्रनों की है. तुलना करें तो पाकिस्तान के पास 25 और चीन के पास 66 स्क्वाड्रन हैं. खास बात यह है कि पाकिस्तान और चीन दोनों के पास पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स हैं, जबकि भारत का सबसे आधुनिक विमान राफेल है, जिसे 4.5 पीढ़ी का फाइटर माना जाता है. इसके बावजूद, भारत ने कई मौकों पर पाकिस्तान पर हवाई ताकत में बढ़त साबित की है.
ऑपरेशन सिंदूर – जब दुश्मन हुआ पस्त
पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिया था. इस दौरान सौ से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया और पाकिस्तान के एयरबेस को भी निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया. पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन वायुसेना ने इसे पूरी तरह नाकाम कर दिया. जल्द ही नए राफेल जेट्स के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी, जिससे देश की हवाई सुरक्षा और भी अभेद्य हो जाएगी.
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