भारत की पहली बुलेट ट्रेन का सपना अब तेजी से साकार होता नजर आ रहा है. मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना ने एक और बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वीडियो साझा कर बताया कि इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट (उपरी रेलमार्ग संरचना) तैयार हो चुका है. वहीं, गुजरात के सूरत के पास 40 मीटर लंबे बॉक्स गर्डर का निर्माण भी सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है.
10 गुना तेज रफ्तार से हो रहा निर्माण
इस प्रोजेक्ट में फुल स्पैन लॉन्चिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे निर्माण कार्य की गति में जबरदस्त तेजी आई है. अब तक:
300 km viaduct completed.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) May 20, 2025
— Bullet Train Project pic.twitter.com/dPP25lU2Gy
कितनी दूर है बुलेट ट्रेन की रफ्तार?
गुजरात के सूरत में पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन लगभग तैयार हो चुका है. रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य में करीब 157 किमी ट्रैक बेड भी बिछाया जा चुका है. यदि सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो 2026 तक सूरत से बिलीमोरा के बीच भारत की पहली बुलेट ट्रेन दौड़ सकती है, और 2029 तक पूरी लाइन आम जनता के लिए खुलने की उम्मीद है.
आत्मनिर्भर भारत की झलक
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर तकनीक और उपकरण भारत में ही बनाए जा रहे हैं. जैसे लॉन्चिंग गैंट्रीज़, ब्रिज गैंट्रीज़, गर्डर ट्रांसपोर्टर्स आदि. यह भारत को न केवल हाई-स्पीड रेल निर्माण में आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि तकनीकी रूप से भी सशक्त कर रहा है.
नॉइज़ बैरियर और आधुनिक तकनीक
बुलेट ट्रेन की रफ्तार के साथ शांति भी सुनिश्चित की जा रही है. वायाडक्ट के दोनों ओर करीब 3 लाख नॉइज़ बैरियर लगाए जा रहे हैं ताकि आवाज़ प्रदूषण कम से कम हो. हर एक गर्डर करीब 970 टन वजनी है, जो निर्माण की मजबूती को दर्शाता है.
यह भी पढ़ें: ‘पाकिस्तान ने पाल रखा रेबीज वाला कुत्ता…’, TMC सांसद ने पाकिस्तान को धो डाला