NATO की रणनीति और चीन की ट्रेनिंग का बाद भी पिटा पाकिस्तान, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में धोया, रिपोर्ट

    भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की वायुसेना ने एक ऐसी रणनीति का इस्तेमाल किया, जो सीधे तौर पर NATO की एडवांस हवाई तकनीकों से प्रेरित थी.

    India defeated Pakistan in Operation Sindoor
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की वायुसेना ने एक ऐसी रणनीति का इस्तेमाल किया, जो सीधे तौर पर NATO की एडवांस हवाई तकनीकों से प्रेरित थी. द प्रिंट की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह तकनीक पाकिस्तान को चीन के ज़रिए हासिल हुई और हैरानी की बात ये है कि चीन ने इसे पश्चिमी देशों के पूर्व सैन्य अधिकारियों की मदद से सीखा है.

    इस खुलासे के बाद सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई पश्चिमी देश भी सतर्क हो गए हैं. क्योंकि इसका मतलब है कि चीन अब NATO की हवाई रणनीतियों की बारीक समझ रखता है – और इन्हें न केवल खुद इस्तेमाल कर सकता है, बल्कि अपने सहयोगियों जैसे पाकिस्तान को भी सिखा सकता है.

    क्या थी पाकिस्तान की रणनीति?

    ‘लॉन्च-एंड-लीव’ (Launch and Leave) — यह NATO की एक स्मार्ट युद्ध तकनीक है जिसमें दो विमान तालमेल के साथ हमला करते हैं:

    • पहला विमान मिसाइल लॉन्च करता है और तुरंत दुश्मन की नजरों से गायब हो जाता है,
    • दूसरा विमान, जो बेहतर रडार और टारगेटिंग सिस्टम से लैस होता है, मिसाइल की गाइडेंस संभालता है और उसे लक्ष्य तक पहुंचाता है.
    • इस तरह के ऑपरेशन को लंबी दूरी पर स्थित टारगेट या शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम वाले दुश्मनों को चकमा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

    सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन के J-10 लड़ाकू विमानों और स्वीडिश Saab-2000 AEW&C विमानों के साथ मिलकर यही रणनीति अपनाई थी.

    चीन ने सीखा पश्चिम का फॉर्मूला

    रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने NATO की रणनीति को समझने और कॉपी करने के लिए ‘फाइव आइज़’ (Five Eyes) देशों – ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैंड, यूके और अमेरिका – के सेवानिवृत्त पायलटों को भारी रकम देकर भर्ती किया.

    ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने 2022 में यह स्वीकार भी किया था कि करीब 30 पूर्व ब्रिटिश पायलटों को चीन ले जाया गया ताकि वे चीनी पायलटों को पश्चिमी एयरफोर्स की रणनीतियों में प्रशिक्षित कर सकें.

    यह खुलासा क्यों है गंभीर?

    • चीन की यह रणनीति केवल तकनीकी चोरी नहीं, बल्कि सुरक्षा ढांचे में सेंध लगाने की कोशिश है.
    • भारत और NATO देशों को अब यह समझना होगा कि उनके हवाई युद्ध कौशल अब ‘विशेष’ नहीं रहे.

    अगर पाकिस्तान जैसे देश इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, तो किसी भी भविष्य के संघर्ष में भारत को हाई-टेक एयर डिफेंस स्ट्रैटजी अपनानी होगी.

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