IND vs ENG: टेस्ट क्रिकेट में जब इतिहास रचता है, तो अक्सर उसके पीछे एकजुटता और जज़्बा छिपा होता है. कुछ ऐसा ही नज़ारा मैनचेस्टर टेस्ट में दिखा, जहां भारतीय टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने मिलकर वो कर दिखाया, जो इससे पहले कभी किसी टीम ने नहीं किया था.
टीम इंडिया के लिए ये मुकाबला सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की परीक्षा था. पहली पारी में 311 रन से पिछड़ने के बाद हार लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन 'लेफ्ट हैंडर्स' ने हालात पलट डाले.
तीन ‘लेफ्टी’ चमके पहली पारी में
भारत की पहली पारी में जब हालात नाजुक थे, यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन और ऋषभ पंत ने मोर्चा संभाला. यशस्वी जायसवाल ने संयम और क्लास दिखाते हुए 58 रन बनाए. साई सुदर्शन ने 151 गेंदों तक टिककर 61 रनों की साहसी पारी खेली, और ऋषभ पंत, जो चोटिल अंगूठे के साथ खेल रहे थे, उन्होंने जुझारू अंदाज में 54 रन ठोक दिए. इन पारियों ने भारत को पहली पारी में सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
दूसरी पारी में 'लेफ्टी पावर' का विस्फोट
जब दूसरी पारी में भारत एक बार फिर मुश्किल में फंसा, तब आए रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर, जिन्होंने ऐसा संयम और कौशल दिखाया कि इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को कोई जवाब नहीं सूझा. जडेजा ने 107 रन बनाए, जो न केवल स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ा रहे थे, बल्कि विपक्ष की उम्मीदें भी खत्म कर रहे थे. वॉशिंगटन सुंदर ने 206 गेंदों में शानदार नाबाद 101 रन ठोककर इंग्लैंड की बची-खुची चुनौती भी खत्म कर दी. दोनों के बीच 203 रनों की अटूट साझेदारी रही, जिसने टीम इंडिया को टेस्ट ड्रॉ कराने में बड़ी भूमिका निभाई.
शानदार वापसी, कप्तानी पारी की छाया में
इस पूरे टेस्ट की नींव शुभमन गिल (103) और केएल राहुल (90) की ठोस साझेदारी ने रखी थी, लेकिन उसे नई दिशा दी बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने, जिन्होंने इस मैच को इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया.
इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा कारनामा
भारत के टेस्ट इतिहास में पहली बार पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने एक ही टेस्ट में अर्धशतक या उससे ज़्यादा का स्कोर किया. यह आंकड़ा न केवल रोचक है, बल्कि एक बड़े टीम एफर्ट का उदाहरण भी है.जायसवाल, सुदर्शन, पंत, जडेजा, और सुंदर इन पांचों खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि अगर धैर्य और इरादा मजबूत हो, तो सबसे मुश्किल परिस्थिति भी बदली जा सकती है.
अब ओवल में बराबरी की उम्मीद
सीरीज में भारत अभी 1-2 से पीछे है, लेकिन 31 जुलाई से लंदन के ओवल मैदान में होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट में टीम इंडिया के पास बराबरी का मौका है. इस ऐतिहासिक वापसी ने न सिर्फ टीम को आत्मविश्वास दिया है, बल्कि फैंस को एक नई उम्मीद भी दी है कि मुकाबला अब भी बाकी है.
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