यरूशलम: इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि गाज़ा में इज़रायली सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करना नहीं है, बल्कि हमास के प्रभाव को समाप्त करना है. उन्होंने कहा कि इज़रायल के पास "हमास को पूरी तरह हराने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है."
नेतन्याहू ने यरूशलम में विदेशी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह अभियान एक सुनियोजित रणनीति के तहत चलाया जा रहा है, और इसका लक्ष्य गाज़ा में स्थाई सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "हम गाज़ा पर कब्ज़ा नहीं करना चाहते, बल्कि उसे हमास के नियंत्रण से मुक्त कराना चाहते हैं."
'वैश्विक झूठे प्रचार' का विरोध
प्रधानमंत्री ने उस आलोचना को भी खारिज किया जो हाल के दिनों में इज़रायल की गाज़ा नीति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिली है. उन्होंने इसे "झूठे वैश्विक प्रचार अभियान" का हिस्सा बताया.
आगे की योजना: सुरक्षा पर फोकस
नेतन्याहू के अनुसार, इज़रायल गाज़ा में निम्नलिखित पांच सिद्धांतों के आधार पर स्थायी समाधान चाहता है:
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने सेना को निर्देश दिया है कि ज़मीनी हालात दिखाने के लिए और अधिक विदेशी पत्रकारों को गाज़ा लाने की अनुमति दी जाए. हालांकि, सैन्य सुरक्षा प्रतिबंधों के कारण उनकी पहुंच सीमित रहेगी.
मानवीय संकट और आलोचना
गाज़ा में मानवीय संकट जारी है. स्थानीय अस्पतालों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सहायता की तलाश में कम से कम 26 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं. नासेर अस्पताल के मुताबिक, इनमें से 10 लोग मोराग कॉरिडोर के पास सहायता ट्रकों का इंतज़ार कर रहे थे. यह कॉरिडोर राफ़ा और खान यूनिस के बीच स्थित है और हाल ही में निर्मित किया गया है.
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