दुनिया के सबसे बड़े ईसाई धर्म गुरू पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटिकन सिटी गहरे शोक में डूबा है. 21 अप्रैल को 88 वर्ष की आयु में पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था. पोप का अंतिम संस्कार शनिवार 26 अप्रैल को सेंट पीटर्स बेसिलिका में किया जाना है. उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दुनिभर के नेता पहुंच रहे हैं. बता दें कि पोप अंतिम संस्कार उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप किया जाएगा.
अंतिम संस्कार को लेकर पोप फ्रांसिस की इच्छा
पोप फ्रांसिस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे किसी भव्य विदाई या पारंपरिक रीतियों से बंधे नहीं रहना चाहते. वे चाहते थे कि उन्हें एक सामान्य पादरी की तरह दफनाया जाए. जहां अब तक पोप को तीन परतों वाले भव्य ताबूत में रखा जाता था, वहीं पोप फ्रांसिस ने विनम्रता से एक साधारण लकड़ी के ताबूत की मांग की थी.
शरीर का कोई अंग न निकाला जाए
पोप फ्रांसिस यह भी स्पष्ट कर दिया था कि उनके शरीर से कोई अंग न निकाला जाए. 16वीं से 19वीं सदी तक पोप के शरीर से दिल, लीवर और अन्य अंग निकालकर उन्हें संरक्षित किया जाता था. आज भी रोम के एक चर्च में 22 पोप के अंग सुरक्षित रखे गए हैं. लेकिन 2024 में पोप फ्रांसिस ने इस परंपरा को बदलने का निर्णय लिया.
यहां दफन होना चाहते थे पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस ने 2024 में घोषणा की थी कि वे वेटिकन ग्रोटोज़ में नहीं, बल्कि रोम की सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका में दफन होना चाहते हैं. यह चर्च उनके दिल के बेहद करीब था. यहां वे अक्सर प्रार्थना करने जाया करते थे.
ये भी पढ़ें: 'अगर तुमसे शादी नहीं हुई तो पादरी बन जाऊंगा', पोप फ्रांसिस का भी टूटा था दिल; जानिए कैसी थी लव स्टोरी