नेतन्याहू के सिर का दर्द बने हूती विद्रोही, इजरायल को दी धमकी, रेड सी से हिंद महासागर तक मंडराया खतरा

    Israel Houthi Conflict: यमन के हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर वैश्विक समुद्री परिवहन को हिलाकर रख देने वाली चेतावनी जारी की है.

    Houthi rebels become a headache for Netanyahu threaten Israel Red Sea Indian Ocean
    Image Source: ANI/ File

    Israel Houthi Conflict: यमन के हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर वैश्विक समुद्री परिवहन को हिलाकर रख देने वाली चेतावनी जारी की है. इस बार मामला सिर्फ रेड सी या अरब सागर तक सीमित नहीं रहा. हूती प्रवक्ता याह्या सारी ने रविवार को अपने वीडियो बयान में साफ कहा कि अब इस्राइल से जुड़े जहाज दुनिया के किसी भी हिस्से में हों, वे सुरक्षित नहीं हैं.

    यह बयान उस समय आया है जब पहले से ही अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार हूतियों के ड्रोन और मिसाइल हमलों से बुरी तरह प्रभावित हो चुका है.

    हर प्रकार के जहाज होंगे निशाने पर

    हूती प्रवक्ता ने साफ किया कि उनके निशाने पर अब केवल तेल, हथियार या कमर्शियल जहाज नहीं होंगे, बल्कि हर प्रकार के इस्राइल समर्थित जहाज, चाहे वे किसी भी देश की कंपनी द्वारा चलाए जा रहे हों, अब खतरे में हैं. हूतियों का कहना है कि जब तक गाजा पट्टी पर इस्राइली हमले नहीं रुकते, उनका "सैन्य प्रतिरोध" जारी रहेगा.

    अब दायरा सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन तक नहीं

    इससे पहले हूतियों ने अमेरिकी और ब्रिटिश जहाजों को टारगेट करने की बात कही थी, लेकिन इस बार उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उनका प्रतिरोध अब उन सभी देशों तक फैलेगा जो किसी भी रूप में इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं. इसका मतलब यह है कि वैश्विक स्तर पर कई शिपिंग कंपनियों और समुद्री रूट्स पर खतरे की आशंका और गहरा गई है.

    रेड सी से हिंद महासागर तक मंडराता खतरा

    पिछले कुछ महीनों में हौती विद्रोहियों के हमलों से रेड सी, बाब-अल-मंडब जलडमरूमध्य और अरब सागर जैसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर ट्रैफिक में भारी रुकावट आई है. कई जहाजों पर ड्रोन हमले हुए, कुछ पर मिसाइलें दागी गईं. भारतीय, फिलीपीन और अन्य देशों के नाविक घायल हुए. इस कारण, कई अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक कंपनियों ने इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.

    अमेरिका और पश्चिमी देशों की रणनीति पर सवाल

    हूती विद्रोहियों की इस ताज़ा धमकी ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. अमेरिका ने पहले यमन में एयरस्ट्राइक कर जवाब दिया था, लेकिन अब खतरे का दायरा बढ़ता देख नई सैन्य रणनीति और सामरिक दबाव की जरूरत महसूस की जा रही है. हालांकि अभी तक अमेरिकी सेना या नाटो की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थिति पर उच्च स्तर पर निगरानी रखी जा रही है.

    क्या वैश्विक समुद्री व्यापार एक नए संकट की ओर?

    इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ये चेतावनी आने वाले समय में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) पर नया संकट ला सकती है? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हूतियों ने अपने दायरे का विस्तार करते हुए एशिया, यूरोप और अफ्रीका तक जहाजों पर हमले शुरू किए, तो वैश्विक व्यापार को भारी झटका लग सकता है, खासकर पेट्रोलियम और कंटेनर ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में.

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