शिमला: हिमाचल प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून ने राज्य में भारी तबाही मचाई है. अधिकारियों के मुताबिक, अब तक राज्य को 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बारिश के कारण जानमाल का नुकसान भी काफी हुआ है, जिसमें 88 लोगों की जान जा चुकी है और 35 लोग लापता हैं.
मानसून की तबाही
इस मानसून के दौरान बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य को झकझोर दिया. राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुल 42 बाढ़, 25 बादल फटने और 32 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं. इन घटनाओं से हजारों लोगों की ज़िंदगी प्रभावित हुई है, और कई इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं.
बुरी तरह प्रभावित सड़कें और यातायात
बारिश के कारण हिमाचल में कुल 200 सड़कें बंद हो गई हैं. राज्य के दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग भी यातायात के लिए बंद हो गए हैं. इन बंद सड़कों की वजह से यात्रा में भारी रुकावट आ रही है. इसके अलावा, 75 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 97 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे राज्यभर में लोगों को पानी और बिजली की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने रविवार को अगले कुछ दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है. कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. इन क्षेत्रों में बिजली गिरने का भी खतरा है, और विभाग ने इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
बारिश की स्थिति: आंकड़े और प्रभाव
शनिवार शाम से रविवार तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. धर्मशाला में सबसे अधिक 35 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी कुछ मात्रा में बारिश हुई है. मंडी जिले में भूस्खलन के कारण मनाली-कोटाली मार्ग और अन्य सड़कें बंद हो गईं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है.
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